पीडब्ल्यूडी (मूल विभाग) ने स्टैंड रिलीव करने का किया आदेश..
भोपाल, 30 अक्टूबर 2025। हैरतअंगेज कारनामों के लिए कुख्यात और चर्चित मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में एक बड़ा बदलाव तय माना जा रहा है। जहां पिछले 17 साल से प्रतिनियुक्ति पर जमे पीडब्ल्यूडी विभाग के उपयंत्री के.के.संदल की अब पुलिस हाउसिंग से विदाई लगभग निश्चित हो चुकी है। जो कि विद्युत की शून्य योग्यता के बावजूद अभी कॉर्पोरेशन में तीन-तीन संभागों में परियोजना यंत्री (विद्युत) के दायित्वों से उपकृत है।
इस पूरे प्रकरण में युगक्रांति की लगातार की गई पड़ताल और खबरों ने अहम भूमिका निभाई है। पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव, मुख्य अभियंता और कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक से इस मामले में युगक्रांति द्वारा किए गए संवाद और तथ्यों के संकलन के बाद अब विभाग ने निर्णायक कदम उठाया है।
युगक्रांति की पड़ताल के बाद कार्रवाई..
अगस्त 2025 में युगक्रांति ने खबर प्रकाशित की थी –
“विद्युत की शून्य योग्यता वाले उपयंत्री पर पुलिस हाउसिंग में कई संभागों के परियोजना यंत्री (विद्युत) का जिम्मा…”
इस खबर ने न केवल विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए बल्कि सरकार और निगम प्रशासन की आंखें भी खोल दीं। तदुपरांत युगक्रांति संपादक बृजराज एस तोमर ने इस मामले पर पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष अजय शर्मा, पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह और मुख्य अभियंता के.पी.एस. राणा से चर्चा की।
जहां एक ओर कारपोरेशन के अध्यक्ष अजय शर्मा ने संदल का पक्ष लेते हुए असंगत बयान दिया, वहीं पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता राणा ने स्पष्ट कहा कि—“मामला मेरे संज्ञान में आते ही मैंने शासन को संडल की वापसी हेतु पत्र लिखा है। उसे शीघ्र ही मूल विभाग में बुलाया जाएगा।” साथ ही प्रमुख सचिव ने सिंह कार्यवाही सुनिश्चित करने की बात कही।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह एवं प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह ने भी इस पर गंभीरता दिखाई जो अब वास्तविक कार्रवाई में बदल चुकी है।
मंत्रालय से जारी हुआ आदेश
मप्र शासन, लोक निर्माण विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ-1/1/8/9/2025/स्था./19 में आदेशित किया गया है कि—
“राज्य शासन एतद्द्वारा श्री किशोर कुमार सैंडल, उपयंत्री (वि./यां.), लोक निर्माण विभाग, म.प्र., जो वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर गृह विभाग के अंतर्गत म.प्र. पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल में पदस्थ हैं, की सेवायें तत्काल प्रभाव से वापस ली जाती हैं। उन्हें आगामी आदेश पर्यन्त कार्यपालक प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भोपाल में पदस्थ किया जाता है।”
फिर भी नहीं हो रहा ‘मोहभंग’!
सूत्रों के अनुसार, आदेश जारी होने के बावजूद संदल का पुलिस हाउसिंग से मोहभंग नहीं हो रहा है। कॉरपोरेशन के कुछ शीर्ष अधिकारी भी कथित तौर पर चाहते हैं कि उन्हें कुछ और समय तक यहीं बनाए रखा जाए। बताया जाता है कि इन अधिकारियों के निर्माणाधीन बंगले और अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए संदल को एक-दो माह और रोके रखने की कवायद चल रही है।
अब सवाल यह है कि…क्या मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन किसी एक उपयंत्री के बिना कार्य नहीं कर सकता? या फिर सैंडल की मौजूदगी कुछ लोगों के लिए “लाभदायक सौदा” साबित हो रही है? यदि शासन और विभाग पारदर्शिता के अपने वादे पर खरे उतरना चाहते हैं, तो यह मामला केवल एक व्यक्ति की वापसी का नहीं, बल्कि पूरा तंत्र किस हद तक जवाबदेह है, इसका भी परीक्षण है।
इस खबर पर हुआ असर..
