विशेष संवाददाता, भोपाल 22 नवम्बर 2025। युगक्रांति द्वारा लगातार उठाए जा रहे सवालों के बाद घटनाक्रम पल-पल बदल रहा है। उज्जैन सिंहस्थ-2028 की बिजली सुरक्षा पर गंभीर खतरे के खुलासे से लेकर पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में 17 वर्षों से अवैध प्रतिनियुक्ति पर जमे उपयंत्री किशोर कुमार सैंडल तक—अब पूरा मामला मध्य प्रदेश शासन के शीर्ष स्तर पर पहुंच चुका है।
संदल पर PWD का सख्त प्रहार—3 दिन में हाजिर नहीं हुए तो अनुशासनात्मक कार्रवाई तय
युग क्रांति की खबर प्रकाशित होने के तत्काल बाद लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के.पी.एस. राणा ने 21 नवम्बर को आदेश क्र 3049/1617/07.7/2013/3536 जारी करते हुए संदल को तत्काल विभाग में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। पत्र में स्पष्ट शब्दों में कहा गया—
✔ 24 अक्टूबर 2025 को शासन ने सैंडल की प्रतिनियुक्ति
समाप्त कर दी थी
✔ उन्हें PWD मुख्य अभियंता कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करना था
✔ लेकिन सैंडल ने अब तक आदेश का पालन नहीं किया
✔ इसे शासन आदेश की सीधी अवहेलना माना गया
✔ 3 दिन में रिपोर्ट न देने पर सिविल सेवा आचरण नियम-1965 के तहत कार्रवाई होगी
यह आदेश अपने आप में सख्त भी है और सवालों की ओर सीधा इशारा भी करता है।
17 वर्षों तक पुलिस हाउसिंग में प्रतिनियुक्ति—कौन दे रहा था संरक्षण?
युग क्रांति ने अपनी पिछली रिपोर्ट में खुलासा किया था कि संडल पिछले 17 वर्षों से अवैध रूप से प्रतिनियुक्ति पर जमे हुए हैं, कई संभागों में प्रोजेक्ट इंजीनियर (इलेक्ट्रिक) की भूमिका में है और अब सिंहस्थ-2028 के बिजली कार्यों की जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है। इससे बिजली सुरक्षा पर गंभीर खतरे और अनियमितताओं के बड़े संकेत सामने आए थे।
अब जिस प्रकार मुख्य अभियंता ने आदेश में ‘स्पष्ट उल्लंघन’ लिखा है, उससे यह भी प्रमाणित होता है कि मामला केवल तकनीकी चूक नहीं बल्कि शासन आदेश की खुली अवहेलना का है।
दो विभागों में हलचल-अध्यक्ष अजय शर्मा पर भी घिरता दबाव
सूत्रों की माने तो युग क्रांति की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश शासन के गृह विभाग, लोक निर्माण विभाग और पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में शीर्ष स्तर पर चर्चा तेज हो गई है जिसके अंतरत सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है—“आखिर किसके दबाव में मामूली उप यंत्री संदल को इतने वर्षों तक पुलिस हाउसिंग में रोका गया” जबकि मैकेनिक सब इजीनियर की हैसियत से कॉर्पोरेशन में इसका काम ही क्या था ? और उससे भी बड़ा सवाल_“जब शासन ने 24 अक्टूबर को ही प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी, तो कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक अजय शर्मा ने आदेश का पालन क्यों नहीं कराया”?
ब्यूरोक्रेसी से लेकर मंत्री स्तर तक चर्चा तेज है कि कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष-सह-प्रबंध संचालक अजय शर्मा कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। आदेश की अवहेलना का रिकॉर्ड अब विभागों में दर्ज हो चुका है और इस पर पीडब्एल्यूडी एवं गृह विभाग में खासी नाराजगी है। संदल की लगातार अनुपस्थिति ने स्थिति और अधिक संदिग्ध बना दी है ?
