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जिले में फसलों के अवशेष जलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध

धारा-144 के तहत जिला दण्डाधिकारी श्रीमती चौहान ने जारी किया आदेश

आदेश के उल्लंघन पर धारा-188 के तहत होगी पुलिस कार्रवाई, पर्यावरण मुआवजा भी अदा करना होगा

ग्वालियर 17 मार्च 2024/ जिले में फसलों के अवशेष मसलन गेहूँ की नरवाई इत्यादि जलाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोई भी किसान फसल कटने के बाद अपने खेत पर फसल के अवशेष नहीं जला सकेगा। साथ ही हार्वेस्टर मशीन संचालकों को हार्वेस्टर के साथ अनिवार्यत: स्ट्रारीपर (भूसा बनाने की मशीन) लगाकर कटाई करनी होगी। यदि कोई कृषक बिना स्ट्रारीपर के फसल काटने के लिये दबाब डालता है तो उसकी सूचना संबंधित पुलिस थाने, ग्राम पंचायत सचिव या ग्राम पंचायत निगरानी अधिकारी को देना होगी। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने धारा-144 के तहत इस आशय का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती चौहान ने फसल के अवशेष जलाने से फैलने वाले प्रदूषण पर अंकुश, अग्नि दुर्घटनाएँ रोकने एवं जान-माल की रक्षा के उद्देश्य से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों के तहत यह आदेश जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन पर भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही किसी ने अवशेष जलाए तो उसे पर्यावरण मुआवजा भी अदा करना होगा। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि दो एकड़ से कम भूमि धारक को 2500 रूपए प्रति घटना, दो एकड़ से अधिक व पाँच एकड़ से कम भूमि धारक को पाँच हजार रूपए प्रति घटना एवं पाँच एकड़ से अधिक भूमि धारक को 15 हजार रूपए प्रति घटना पर्यावरण मुआवजा देना होगा।
हार्वेस्टर मशीन एवं स्ट्रारीपर से भूसा बनाने के दौरान निकलने वाली चिंगारी से अग्नि दुर्घटना रोकने के लिए मशीन संचालक को अपने साथ अग्नि सुरक्षा यंत्र अनिवार्यत: रखने होंगे। साथ ही रेत एवं पानी का भी पर्याप्त इंतजाम रखना होगा। खेतों के आसपास स्थित ट्रांसफार्मर से चिंगारी न निकले इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश इस आदेश के माध्यम से विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री को दिए गए हैं।