उच्च न्यायालय ने सीबीआई की जांच में अनुपयुक्त पाए गए नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के लिए भी एग्जाम के टाईम टेबल जारी करने के निर्देश दिए हैं
नर्सिंग घोटाले के व्हिसिलब्लोअर व छात्र नेता रवि परमार ने हाई कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, कहा – नर्सिंग माफियाओं के खिलाफ जारी रहेगी हमारी लड़ाई
भोपाल 18 मार्च 2024। मध्य प्रदेश के नर्सिंग छात्र-छात्राओं को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीबीआई की जांच में अनुपयुक्त पाए गए नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के लिए भी एग्जाम के टाईम टेबल जारी करने के निर्देश दिए हैं। हाइकोर्ट के इस आदेश के बाद अब 45 हजार छात्र छात्राएं एग्जाम दे सकेंगे।
नर्सिंग घोटाले के व्हिसिलब्लोअर व छात्र नेता रवि परमार ने हाई कोर्ट के फैसले का किया स्वागत किया है। रवि परमार ने कहा कि यह हमारी दूसरी जीत है। इसके पहले हाइकोर्ट के निर्देश पर पात्र नर्सिंग कॉलेजों के परिक्षाओं के टाइम टेबल जारी किए गए थे। हमने माननीय उच्च न्यायालय से मांग की थी कि अपात्र कॉलेजों के स्टूडेंट्स को भी राहत दी जाए। नहीं तो हजारों स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटक जाएगा।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार ने कहा कि उनकी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। नर्सिंग माफियाओं के खिलाफ जारी रहेगी हमारी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि हजारों नर्सिंग स्टूडेंट्स का तीन साल बर्बाद हुआ है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि नर्सिंग घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को सजा दी जानी चाहिए।
बता दें कि बीते दिनों उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई की जांच में उपयुक्त पाए गए नर्सिंग कालेजों की परीक्षा के लिए टाइम टेबल जारी कर दिए गए थे। हालांकि, वो सिर्फ़ उन्ही कॉलेज के लिए था जो CBI जॉच मैं SUITABLE पाए गए थे। ऐसे में उन कॉलेजों में अध्ययनरत हजारों छात्र छात्राएं परीक्षा देने से वंचित रह जाते। बहरहाल, एनएसयूआई मेडिकल विंग की मांग के बाद अब उन छात्रों के लिए भी रास्ता निकाला गया है।
बता दें कि नर्सिंग परिक्षाओं की मांग को लेकर रवि परमार लगातार संघर्षरत रहे हैं। पिछले साल 1 फरवरी को नर्सिंग छात्र छात्राओं की परीक्षा की मांग एवं नर्सिंग घोटाले की जांच की मांग को लेकर NSUI नेता रवि परमार ने तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले का घेराव किया था। उसके बाद रवि परमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके अलावा भी कई बार उन्हें गिरफ्तार किया गया और कई मुकदमे दर्ज किए गए। हालांकि, वे सड़क से लेकर कोर्ट तक नर्सिंग स्टूडेंट्स की मांग उठाते रहे, जिसका अब सकारात्मक परिणाम सामने आया है।