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पंजीयन कार्यालय में गफलत बाजी, अफसर ने खोली पोल

नियमों को ताक पर रख कर सर्विस प्रोवाइडर करा रहे हैं रजिस्ट्रियां..

ग्वालियर 29 मार्च 2024। मध्य प्रदेश का पंजीयन विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है जहां विभाग के ही एक उप पंजीयक ने विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए काम बंद कर दिया और स्वयं के द्वारा चिट्ठा खोलकर पंजीयन विभाग को को हैरत में डाल दिया है।

मामला है ग्वालियर पंजीयक कार्यालय का, जहां जिला पंजीयक कार्यालय में 6 उप पंजीयक।हैं जिसमें से पांच उप पंजीयक रजिस्ट्री /बैनामा सम्पादित कर रहे हैं तो वही एक उप पंजीयक मनोज सिहारे नियमों का हवाला देकर रजिस्ट्री नहीं कर रहे है पूरे दिन में एक या दो रजिस्ट्री ही कर रहे हैं । उनका कहना है कि दस्तावेज लेखक गलत दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री संपादित करवा रहे हैं । उन्होने पंजीयक अशोक शर्मा को रजिस्ट्री संपादित करने के लिए दिशा निर्देश मांगे हैं।

युगक्रांति प्रतिनिधि से बातचीत में उप पंजीयक मनोज सिहारे ने कहा कि सर्किल 1 अथवा सर्किल 2 में अन्य अधिकारी क्या कर रहे है क्या नहीं मैं नहीं जानता मगर मैं नियम विरूद्ध रजिस्ट्री संपादन नहीं करूंगा। मैंने जिन 22 सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा दस्तावेज लेखन में गड़बड़ी की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की है वे सर्किल 2 में रजिस्ट्री संपादन के लिए दस्तावेज लेखन का कार्य करते हैं मेरे अलावा दो अन्य उप पंजीयन कार्य करते हैं।

अफसर द्वारा नियमों की पोल खोलता चिट्ठा..

ग्वालियर जिला पंजीयन कार्यालय में पदस्थ उप पंजीयन मनोज सिहारे ने हाल ही में अपने वरिष्ठ अधिकारियों जिला पंजीयक व्रत 2, वरिष्ठ जिला पंजीयक एवं उप-महा निरीक्षक परिक्षेत्र ग्वालियर से पत्र के माध्यम से सेवा प्रदाताओं द्वारा भारतीय स्टांप अधिनियम 1899, रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1808 तथा मध्य प्रदेश रजिस्ट्रीकरण नियम 1939 के प्रावधानों के उल्लंघन की शिकायत की। इन 22 सेवा प्रदाताओं (सर्विस प्रोवाइडर) में देवेंद्र गुप्ता, धीरेंद्र पचौरी, विजय शर्मा, भारती शर्मा, शाहनवाज खान, मयंक श्रीवास्तव, निशान चतुर्वेदी, पूजा कुशवाह, श्वेता सिंघल, विजय शर्मा, सुरेंद्र राजपूत, रश्मि यादव, गीता गौर ,रचना पाल, होतम सिंह राजपूत, रविंद्र कौरव, कुलदीप शर्मा, अनुज शर्मा, चंद्रभान दीक्षित, रोहित अग्रवाल, वेद पाठक एवं राजेश शर्मा के नाम शामिल हैं।

इन नियमों की उड़ी धज्जियां …

* दस्तावेजों में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 की धारा 21 द्वारा संपत्ति की पहचान के लिए यथाअपेक्षित वर्णन नहीं किया जा रहा है बल्कि भवनों /भूखंडों के अधिकांश दस्तावेज में प्लॉट दीगर लिखा जा रहा है तथा कृषि भूमि के दस्तावेजों में विकृत भूमि की चतुर सीमा भी नहीं लिखी जा रही

*अधिक मूल्य के दस्तावेजों में पैन कार्ड/ फॉर्म 60 /फॉर्म 61 के स्थान पर संबंधित के आईडी अपलोड किए जा रहे हैं या फिर कुछ भी अपलोड नहीं किया जा रहा तथा डीड में पैन नंबर तक नहीं लिखा जा रहा है।

* कृषि भूमि के अधिकांश दस्तावेजों में राजस्व विभाग द्वारा जारी प्रमाणित खसरा अपलोड नहीं किया जा रहा है।

* दस्तावेजों में विभिन्न कोणों से लिए गए 5×3 इंच आकर के तीन स्वप्रमाणित रंगीन फोटो के स्थान पर एक ही फोटो की तीन ब्लैक एंड व्हाइट फोटो की प्रतियां अपलोड की जा रही है।

* दस्तावेजों में सहयोगी दस्तावेजों की मूल प्रतियों के स्थान पर छायाप्रतियां ही अपलोड की जा रही है।

* म.प्र. रजिस्ट्रीकरण नियम 1939 के नियमों द्वारा अपेक्षित परिशिष्ट “ग”के प्रारूप 8, प्रारूप 9, एवं प्रारूप 10 अपलोड नहीं किया जा रहे हैं।

* दस्तावेजों में गवाहों के आईडी अपलोड नहीं किया जा रहे एवं नगरीय संपत्ति अथवा गैर कृषि प्रयोजन की संपत्ति के दस्तावेजों में मप्र रजिस्ट्रीकरण नियम 1939 के नियम 19 (भ) में उल्लेखित लिंक दस्तावेज अपलोड नहीं किया जा रहे।

* कृषि भूमि के विक्रय अनुबंध पत्र में खसरा एवं भू अधिकार ऋण पुस्तिका अपलोड नहीं किए जा रहे है ।

* नॉटराइज्डि शपथ पत्रों में 50 के बजाए ₹10 के नोटरी टिकट लगे शपथ पत्र अपलोड किये जा रहे हैं।

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जो पांच उप पंजीयक बैनामा/ रजिस्ट्री पत्र सम्पादित कर रहे हैं क्या वह नियम विरुद्ध कर रहे है? ग्वालियर में उपमहानिरीक्षक खुमान सिंह रावत स्वयं बैठते हैं लेकिन वह इस विवाद पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है और बोल भी तो क्या बोलें, वे कभी कभार इन कार्यालयों का निरीक्षण भी स्वयं ना करके अपने खास कर्मचारी से कराते हैं। उप पंजीयक मनोज सिहारे पूरे दिन में एक या दो रजिस्ट्री ही करते हैं । विभाग के ही उप पंजीयक ने पंजीयन विभाग के पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है

इनका क्या कहना है..

एक दिन में सामान्यता उप पंजीयक 50 से 60 दस्तावेज / रजिस्ट्री संपादित कर देता है लेकिन उप पंजीयक मनोज सिहारे 1 या 2 रजिस्ट्री ही कर रहे है ..    *कपिल व्यास उप पंजीयक

मार्च के आखिरी में ज्यादा रजिस्ट्री होती है। क्योंकि 31 मार्च के बाद शासकीय गाइडलाइन बढ़ने से रजिस्ट्री शुल्क में बढ़ोतरी हो जाती है इसीलिए हजारों की संख्या में लोग कार्यालय आए हुए हैं एक उप पंजीयन का रजिस्ट्री संपादित ना करना के सवाल पर जब जिला पंजीयक अशोक शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा है कि उन्हें उप पंजीयक ने पत्र दिया है । जिसका जवाब दे दिया गया है । अभी तक किसी ने शिकायत नहीं की है मैं पता करता हूं कि उप पंजीयक मनोज क्यों रजिस्ट्री संपादित नहीं कर रहे हैं अगर वह ऐसा करते हैं राजस्व का नुकसान हो रहा है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी..                   *अशोक शर्मा  जिला पंजीयक