hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişkavbetkavbet girişkavbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel giriş

वार्डन और सहा.शिक्षक की युगलबंदी ने श्योपुर में किया करोड़ का गवन

श्योपुर के जिम्मेदार नागरिक की शिकायत के माध्यम से हुआ खुलासा..

अस्तित्वहीन फर्मों एवं दुकानों के फर्जी कट्टे/ बिलबुक के माध्यम से किया खुद को करोड़ों का भुगतान..

ग्वालियर/श्योपुर 26 जून 2024। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा बच्चों के छात्रावासों की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालन के लिए बजट आवंटित होता है मगर भ्रष्टता के अजगर इसे भी निगलने में जरा भी नहीं हिचकिचाते।

सनसनीखेज ये मामला श्योपुर का है जहां शिकायतकर्ता कुलदीप सिंह ने अपने आरोपों में बताया कि शा.मा.वि. गलमान्या की अध्यापिका श्रीमती अरुण विष्णु शर्मा बालिका छात्रावास श्योपुर में दिनांक 14. 5. 2010 से 10. 3. 2014 तक वार्डन के पद पर पदस्थ रही तथा दिनांक 31. 3. 2015 से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मॉडल-3 श्योपुर के छात्रावास में वार्डन पद पर नियम विरुद्ध आज तक काबिज हैं। दिनांक 17 .7.2017 को तत्कालीन कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल के न्यायालयीन आदेश में स्पष्ट किया गया था कि श्रीमती विष्णु शर्मा को आदेश दिनांक 31.3. 2015 के द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास मॉडल नंबर 3 का बॉर्डर का प्रभार बिना प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया का पालन किये दिया गया है इसलिए इन्हें शा मा वि चंबल कॉलोनी श्योपुर में अपनी मूल संस्था के लिए कार्य मुक्त किया जाता है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से पालन कराने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए गए थे। मगर विष्णु शर्मा ने तत्कालीन डीईओ एवं अन्य के साथ धनबल युक्त साठगांठ से तमाम नियमों को ताक पर रखते हुए 31. 3. 2015 को कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास के वार्डन को पद पुनः हथिया लिया और इस तरह पुन प्रारंभ हुआ गड़बड़ घोटाला का माफिया राज। जिसमें शुरुआत से ही इनका चोली दामन का साथ शा प्रा वि ईछापुरा के सहा. शिक्षक मुकेश कुशवाह द्वारा बड़ी शिद्दत से आज दिनांक तक निभाया जा रहा है। इस माफिया राज का मास्टरमाइंड भी कुशवाह को कहा जा सकता है। इनके शिक्षा माफिया होने की पुष्टि तो तत्कालीन कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल ने पारित अपने आदेश में भी की है।

अस्तित्वहीन फर्मों एवं दुकानों के फर्जी कट्टे/ बिलबुक के माध्यम से किया खुद को करोड़ों का भुगतान..

विष्णु शर्मा और मुकेश कुशवाह की युगलबंदी ने श्योपुर बायपास रोड पर स्थित बालिका छात्रावास, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मॉडल-3, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मॉडल-1 और सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास से 2 से 3 करोड रुपए का गवन किया हैं और ये सिलसिला अभी भी जारी है। इनके द्वारा सबसे पहले कुछ व्यक्तियों की तलाश की एवं किसी बहाने उनसे अकाउंट की चेक बुक एवं एटीएम ले लिए और उन्हीं नामों के आधार पर काल्पनिक फर्मो/दुकानों के नामों से फर्जी बिल छपवाकर मुकेश कुशवाह द्वारा हस्तलिखित एवं हस्ताक्षरित बिल सबमिट किए गए । सभी फर्मो के सारे बिल मुकेश कुशवाह की राइटिंग में बनाए गए जिसे साफतौर पर नमूना बिलों में देखा जा सकताहै। अस्तित्व विहीन नकली संस्थानों के फर्जी बिलों के के भुगतान कर स्वयं आहरण प्राप्त कर शासन की भारी भरकम राशि का गवन किया गया है जिसके नमूना एवं अन्य साक्ष्य युग क्रांति टीम के पास सुरक्षित हैं। मौजूदा बिल एवं वाउचर के आधार पर ये मामला दो से तीन करोड़ रुपए का है। इन संस्थानों में मुख्य रूप से राजू किराना स्टोर श्योपुर प्रो.राजेंद्र शर्मा, मैं.ओमप्रकाश मित्तल- किराना एवं जनरल सामग्री के थोक एवं के खेरीज विक्रेता श्योपुर, श्याम भोग पाली रोड श्योपुर, आदर्श स्टेशनरी स्टोर्स श्योपुर कला, खान लकड़ी सेंटर, श्रृंगार सरोवर (कॉस्मेटिक गारमेंट्स एवं आर्टिफिशियल ज्वेलरी के विक्रेता) चूड़ी बाजार श्योपुर- प्रो. राम चौरसिया आदि शामिल है।

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए श्योपुर कलेक्टर लोकेश जांगिड़ ने जांच के आदेश कर दिए हैं और ये जांच विकासखंड शिक्षा अधिकारी मधु शर्मा को दी गई है। हालांकि यह इतना बड़ा एवं गंभीर मामला है कि प्रथम दृश्यता साक्ष्यों के आधार पर दोनों दोषियों को निलंबित करते हुए इनके विरुद्ध एफआईआर की जा सकती थी। उड़ती जानकारी अनुसार मधु शर्मा इस जांच को अतिथि शिक्षक मामले में संलिप्त बहुचर्चित संकुल प्राचार्य एमएल गर्ग के सहयोग से कर रही है मगर उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ स्वयं के द्वारा जांच का किया जाना बताया है। अब देखना यह होगा कि बीईओ मैडम अपनी जिम्मेदारी को कितनी ईमानदारी से निभाती हैं और ईमानदारी के मिसाल के रूप में पहचाने जाने वाले कलेक्टर लोकेश जांगिड़ अपनी मिसाल पर कितना कायम रहते हैं ?
इनका क्या कहना है..
कलेक्टर महोदय ने हमारे कार्यालय को ये जांच दी है इसलिए इस जांच को मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रही हूं फिलहाल जांच चल रही है जो भी अपडेट होगा बता दिया जाएगा और मेरे द्वारा जांच प्रतिवेदन सबमिट होने के बाद श्रीमान कलेक्टर महोदय प्रावधान अनुसार कार्रवाई करेंगे.. *मधु शर्मा, बीईओ श्योपुर
विषय की गंभीरता के आधार पर मैंने इस पर पूरा संज्ञान लिया हुआ है इस पर मेरी पूरी नजर है। जांच पूरी निष्पक्षता के साथ होगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित को कतई बक्सा नहीं जाएगा, कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.. * लोकेश जांगिड़, कलेक्टर- श्योपुर