36 साल की वेतन विसंगति को किया जा रहा है खत्म..
भोपाल 12 जुलाई 2024। मध्य प्रदेश के साढे सात लाख कर्मचारियों के दो हजार संवर्गों में से एक हजार में पिछले 36 साल से चली आ रही वेतन विसंगतियां जल्द खत्म होने जा रही है। वेतनमान में एकरूपता से करीब 5 लाख कर्मचारियों को हर साल 12 हजार से लेकर 60 हजार रुपए तक का लाभ होगा। वित्त मंत्री जगदीश देवडा ने कहा कि सिंघल आयोग की रिपोर्ट मिल गई है जिसका परीक्षण कर जल्द ही लागू किया जाएगा।
52 विभागों के लिपिकों के वेतन में भी विसंगति..
प्रदेश के समस्त 52 विभागों में लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत है जिनकी वेतन विसंगतियां बनी हुई है। लिपिकों के वेतन की विसंगति 1984 से चली आ रही है। तृतीय श्रेणी में लिपिकों का वेतन सबसे ज्यादा था। लिपिकों का वेतन पटवारी, सहायक शिक्षक, ग्राम सेवक, ग्राम सहायक, पशु क्षेत्र चिकित्सा अधिकारी संवर्ग से ज्यादा था लेकिन धीरे-धीरे नीचे वाले सभी संवर्गों के वेतन बढते गए और उनके पदनाम भी बदल गए। आज की स्थिति में लिपिक तृतीय श्रेणी के संवर्गों में वेतन में निम्न स्तर पर है। लिपिक और चतुर्थ श्रेणी की ग्रेड-पे में केवल 100 रुपए का अंतर है। राजस्थान में लिपिकों का वेतनमान बढाया जा चुका है। वहीं सहायक ग्रेड-3 की ग्रेड-पे 1900 रुपए है जबकि डाटा एंट्री ऑपरेटर की 2400 रुपए है। पटवारी की ग्रेड-पे 2100 रुपए है।