बजट में प्रावधान के बाद भी वित्त विभाग ने योजनाओं पर लगायी पाबंदी, यह जनता के साथ विश्वासघात: मुकेश नायक
मध्य प्रदेश सरकार आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रही है: मिथुन अहिरवार
भोपाल, 06 अगस्त 2024। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक और प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से कहा कि प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार द्वारा जारी बजट के बाद वित्त विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये है जिसमें सरकार की कई योजनाओं को बंद करने की स्थिति आन पड़ी है तथा कई योजनाओं का आवंटन कम कर दिया गया है। श्री नायक ने कहा कि सरकार की वित्तीय हालत लड़खड़ा गई है लड़खड़ा गई है,सरकार को विधानसभा का बजट पारित करने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ तो मध्य प्रदेश की विधानसभा ने बजट पारित किया, विधानसभा के सम्मानित पक्ष और विपक्ष मिलकर या बजट बनाते हैं इस बजट में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ लोकतंत्र की मान्य परंपराओं की विरुद्ध है, नियम संचालन और के विरुद्ध है।
श्री नायक ने कहा कि उदाहरण के तौर पर जो परिपत्र जारी किया गया है वह आपके समक्ष भी उपलब्ध है। वित्त विभाग की अनुमति उपरांत राशि आहरण योग्य योजनाएं उसमें परिशिष्ट 3 और परिशिष्ट 4 के मातहत कई विभागों की राशि को वित्त विभाग की अनुमति उपरांत आहरण करने के दिशा निर्देश जारी किये गयें। जिससे जनता पर सीधा असर पड़ेगा। उसमें प्रमुखतः नगरीय विकास एवं आवास के तहत कायाकल्प अभियान, अमृत 2.0 जीआईएस बेस्ट मास्टर प्लान, मप्र अर्बन सनीटेशन एंड एनवायरमेंट सेक्टर प्रोग्राम, मप्र अर्बन सर्विस इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम, अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन, नगरीक्ष क्षेत्रों में अद्योसंरचना निर्माण, महाकाल परिसर विकास योजना। गृह विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री परिसर विकास योजना, महिला बाल विकास विभाग की लाड़ली लक्ष्मी योजना, महिलाओं के लिए रोजगार मूलक आर्थिक सहायता, चिकित्सा शिक्षा विभाग की नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना, नवीन नर्सिंग कालेजों का निर्माण, पीएमएसएसवाय परियोजना, सहकारिता की सहकारी बैंको के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान, मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग औद्योगिकीकरण अद्योसंरचना विकास, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम के तहत कल्सटरों की स्थापना, संस्कृति विभाग की सांची बौद्व एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय, वेदान्त पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, जनजातीय कार्य विभाग की आदिवासी पंचायतों हेतु बर्तन प्रदाय योजाना, टंट्या भील मंदिर निर्माण, अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम, साईकिलों का प्रदाय की योजना पर पाबंदी।
श्री नायक ने कहा कि वहीं अनुसूचित जाति कल्याण सावित्री बाई फुले स्वसहायता, अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए रोजगार मूलक आर्थिक सहायता, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, जनसंपर्क विभाग कार्यक्रम आयोजन तथा प्रबंधन, राजस्व 15 वें वित्त आयोग के अंतर्गत क्षमता निर्माण, वन वन पर्यटन से प्राप्त आय का समायोजन, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण फसलोत्तर प्रबंधन, श्रम मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना जिस पर तत्कालीन शिवराज सरकार द्वारा खूब ढिंढोरा पीटा गया था, उस पर भी पाबंदी लगाई गई। श्री नायक ने कहा कि किसान कल्याण कृषि विकास के मातहत समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस का भुगतान पर रोक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती प्रोत्साहन हतु प्रचार-प्रसार योजना पर पाबंदी लगायी गई। ऐसे ही वाणिज्यिक कर, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, नर्मदा घाटी विकास, लोक निर्माण प्रवासी भारतीय, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, आयुष, अल्प संख्यक कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण सहित अन्य विभागों के तहत सैकड़ों योजनाओं पर वित्त विभाग द्वारा पाबंदी लगा दी गई है।
श्री नायक ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी ने डिजिटल इंडिया पर ढिंढ़ोरा पीटा था लेकिन उस पर भी पाबंदी लगाने का काम सरकार कर रही है। वहीं बारिश के कारण सड़कों पर चलना दूभर हो रहा है, सड़कों के रखरखाव, मरम्मत पर भी रोक लगाई गई है, स्कूली शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में रोक लगाई गई। मुख्यमंत्री लाडली आवास योजना के तहत आवास देने की घोषणा की थी, उस पर पाबंदी लगा दी गई है, इस पर कोई बजट का प्रावधान नहीं है। श्री नायक ने कहा कि एक तरफ मध्य प्रदेश में रोजगार की कमी है दूसरा उसके डेवलपमेंट के तहत जो केंद्र शासित योजनाएं थी उसे पर पाबंदी लगाने से नौजवानों का नुकसान हो रहा है। कोविड के बड़े पैमाने पर मामले सामने आ रहे हैं सरकार आंकड़े उजागर नहीं कर रही है और कोविड़ के लिए जारी राशि के प्रावधान को भी रोक दिया गया है। ऐसी तमाम योजनाएं और हैं, जो अभी बंद करने की योजना है।
श्री नायक ने कहा कि परिशिष्ट 3 और 4 का अवलोकन करें तो सहज रूप से अनुमान लग जाएगा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जो बातें कहीं और जो बातें इसमें लिखी हैं उसमें अंतर विरोध उत्पन्न होता है। मध्य प्रदेश की सरकार अपनी हीघोषणाओं पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा से बजट से छेड़छाड़ करने वाले परिशिष्ट हैं, जिसके चलते पिछली सरकार में रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता का पूरी जनता के बीच ढिंढ़ोरा पीटा गया था, प्रमुखता से प्रचार किया था उनकी योजना पर पाबंदी लगाना क्या उचित है? यह वर्तमान मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहते हैं। अगर सरकार को वास्तव में लाडली बहनाओं से लगाव है तो लाड़ली बहना आवास पर क्यों पाबंदी लगा दी गई है?
प्रवक्ता श्री मिथुन अहिरवार ने कहा कि सरकार ने जो बजट जारी किया है वह पूरी तरह से असंतुलित बजट है, ऐसा प्रतीत होता है कि मप्र सरकार आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रही है। ऐसा संभावित है कि यदि इसी तरह चलता रहा तो लाडली बहना समेत कई योजनाओं पर भविष्य में रोक लगाने के कदम सरकार को उठाने पड़ सकते हैं। सरकार को सभी योजनाओं में 100 प्रतिशत बजट आवंटन करना चाहिए। प्रदेश वैसे भी 3 लाख 65 हज़ार करोड़ रुपए के बजट के मुकाबले 3 लाख 75 हज़ार करोड़ रुपए के कर्ज में है।