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दलालों और विभागीय नेताओं की भेंट चढ़ा मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग

चंद ठेकेदारों (दलालों) की कठपुतली हुआ है मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग..

भोपाल/ग्वालियर 23 अक्टूबर 2024। विभाग में कार्यरत असंतुष्ट कर्मचारीयों के हवाले से अतीत के झरोखों से वर्तमान सुर्खियों के साथ परिवहन विभाग की दुर्दशा की कहानी के कुछ अंश पाठकों के लिए पिछले अंक में प्रस्तुत किए गए जिसका अगला भाग इस प्रकार है। पिछले कुछ सालों में तथाकथित जिन दलालों ने अवैध वसूली की खातिर सरकारी कर्मचारियों को डमी बनाकर जमकर लूट-घसोट की और विभाग के बेरियरों/चौकियों पर अवैध वसूली से प्रदेश में हाहाकार मचा दी उस बारे में अब विस्तार से जानते हैं।

परिवहन नाकों, चौकिया एवं बैरियर पर पोस्टिंग से लेकर इन नाकों से भरसक उगाई करवाना के बाद भारी भरकम काले धन की पूरी अर्थव्यवस्था चुनिंदा चार-पांच तथाकथित सरगनाओं कब्जे में रही जिनके मिलते जुलते नाम और परिचय में भोपाल क्षेत्र में आरटीआई … राम, झाबुआ की पिटोल चौकी के प्रभारी (बघेलखंडी) ठाकुर साहब, 3 से 4 साल इसी विभाग में आरक्षक रहे पंडित जी, पटेल साहब और (श्रीवास्तव) लालाजी वकील साहब शामिल है

…राम नाम के इस आरटीआई महोदय को विभाग में “सैटर”के रूप में जाने जाते हैं इनका काम पोस्टिंग की दलाली करना, स्वयं के डमी कैंडिडेट क्रिएट करना एवं उनके माध्यम से अवैध वसूली करना रहा। हाल की व्यवस्था में इन चुंगी- नाकों पर प्रति 6 माह के लिए पोस्टिंग की बोली (दर) 1 से 10 करोड़ रही। इन श्रीमान के द्वारा प्रदेश के अत्यंत महत्वपूर्ण परिवहन नाकों पर डमी कैंडिडेट के रूप में बड़वानी जिला के सेंधवा बेरियल पर आरटीआई रवि, छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर मंडला जिला की चेक पोस्ट मोती नाला पर जगदीश उइके, छतरपुर जिला की खेमा चेक पोस्ट पर टीएसआई प्राची शर्मा के नाम मुख्य रूप से शामिल है।

दूसरे: सन 2019 में इसी विभाग में आरक्षक पद पर भर्ती हुए एवं 2021-22 में इस्तीफा देकर बेरियल के द्वारा अवैध और अंट- संट उगाही करने वाले पंडित जी ने डमी कैंडिडेट के रूप में दतिया जिला के चिरूला बेरियल पर रितु रघुवंशी, माल्थोन बैरियर पर आरटीआई मार्को, कवासा बेरियल पर आरटीआई रत्नाकर उइके, शिवपुरी जिला के करेय परोड़ा बैरियर पर टीएसआई कृष्णकांत पुरोहित और छतरपुर जिला की पहाड़ी बंदा चेक पोस्ट पर टीएसआई आकाश शितोले को रखा गया और भ्रष्टाचार की बहती इसी गंगा में डुबकी लगाते हुए सिकंदरा बेरियल के प्रभारी पटेल साहब के ड्राइवर प्रमोद तिवारी ने भी आरटीआई अश्विनी खरे को डमी कैंडिडेट बना डाला।

तीसरे: भोपाल से संबद्ध (बघेलखंडी) ठाकुर साहब काले धन की अर्थव्यवस्था के प्रबंधन का कार्य संभालते रहे। इनके द्वारा प्रदेश की सभी चेक पोस्टों पर की गई अवैध वसूली में से प्रति 6 माह में लगभग 100 करोड़ रुपए का कलेक्शन करते हुए उसे सुनियोजित पद्धति अनुसार विभागीय नेताओं तक पहुंचाने की अहम जिम्मेदारी रही। सागर वाले विभागीय पूर्व मंत्री के कार्यकाल में बेहद करीबी रहते हुए ठाकुर साहब ने जो किया सो किया ही मगर बुंदेलखंड के दूसरे विभागीय पूर्व मंत्री की छत्रछाया में ठाकुर साहब ने काले धन की अर्थव्यवस्था के विस्तार में मानो सारी हदें ही पार कर दी। इसी दौर में एक और चेहरा उभरा और इलेक्ट्रॉनिक चैनल के रूप में स्थापित हो गया।
प्रदेश में मचे हाहाकार की शिकवा शिकायतों की गूंज जब दिल्ली तक पहुंची तब जाकर  मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा इस दुरदांत व्यवस्था को बंद कर गुजरात पैटर्न की नई व्यवस्था लागू करनी पड़ी अब देखना यह होगा कि भ्रष्टाचार के अनुसंधान कर्ता अपने नए अनुसंधान में क्या गुल खिलते हैं? और इस तरह तथाकथित चंद दलालों की कठपुतली रहे मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के परवान चढ़ने का अध्याय समाप्त हुआ।

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म प्र परिवहन विभाग की दुर्दशा के लिए दलाल एवं विभागीय राजनेता जिम्मेदार