hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişmatbetmatbet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetgrandpashabet girişjojobetjojobet girişcasibomcasibom girişcasibomcasibom girişcasibomcasibom girişcasibomcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel giriş

दक्षिण कोरिया के बाद अब सिंगापुर की यात्रा करेंगे स्कूल शिक्षा विभाग के लोक सेवक

विभाग के अफसरों ने यात्रा के बहाने बजट के बंटाढार की गुपचुप तरीके से शुरू की तैयारी..

यात्रा की पात्रता का आधार “अंधा बांटे रेबड़ी फिर- फिर अपने को दे”..

भोपाल 20 नवंबर 2024। दक्षिण कोरिया की यात्रा के बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सिंगापुर जाने की तैयारी कर रहे हैं। यह यात्रा एक्सपोजर विजिट के नाम पर की जाएगी। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र के अपर संचालक सीतांशु शुक्ला के निर्देशन में विदेश यात्रा के लिए विभाग के व्यक्तिगत चहेते लोक सेवकों से सहमति के लिए गुपचुप तरीके से वाट्सएप मैसेज भी जारी किया है।

ज्ञातव्य है कि पांच साल पहले एक्सपोजर विजिट के नाम पर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी व प्राचार्य साउथ कोरिया भ्रमण पर गए थे। इस यात्रा में तत्कालीन मंत्री प्रभुराम चौधरी, प्रमुख सचिव समेत विभाग के सभी अधिकारी समेत ढाई सौ लोकसेवकों ने यात्रा की थी। अलग-अलग तिथियों में की गई यात्रा में तकरीबन पांच करोड़ खर्च हुए थे। इस दल ने विदेश यात्रा से लौटकर प्रमुख सचिव को प्रेजेंटेशन भी दिया लेकिन कोई करगर योजना नहीं बन पाई। इसमें दल ने ढांचागत सुधार, हाईटेक क्लास रूम, व्यवसायिक पाठ्यक्रम को शामिल करने संबंधी कई तरह के शैक्षणिक सुधार से संबंधित प्रतिवेदन बनाकर विभाग को सौंपे थे लेकिन कुछ असर नहीं दिखा। यात्रा के बाद स्कीम लागू करने पर भी कार्यशाला हुई मगर स्कूलों बदलाव नहीं हुआ। उल्टा विभाग बीते डेढ़ साल से उच्च पद के प्रभार व अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग कराने में उलझा हुआ है। प्रदेश के अधिकांश स्कूल जीर्ण-शीर्ण है,उनकी छतें ढह रही है, मध्यान भोजन के नाम पर खानापूर्ति, शिक्षकों द्वारा मल्यांकन का मेहनताना समय पर विभाग द्वारा भुगतान नहीं हो रहा आदि प्रकार विभाग की ये तथाकथित उन्नति हुई है।

यात्रा के पांच साल बाद अब एकबार फिर विभाग के अफसर सिंगापुर जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस बार यात्रा में स्टार्स प्रोजेक्ट का सहारा लिया जा रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र के अपर संचालक शुक्ला की तरफ से चाहते एवं चुनिंदा विभागीय अधिकारियों को वाट्सएप पर मैसेज भेजे गए हैं, जिसमें लिखा है कि स्टार्स प्रोजेक्ट अंतर्गत परीक्षा परिणामों के आधार पर उत्कृष्टता को ध्यान में रखते हुए चयनित विभागीय लोक सेवकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित कराया जाना प्रस्तावित है। इस संबंध में चयन की प्रक्रिया शासन स्तर पर की जा रही है इसलिए ऐसे लोक सेवकों से सहमति प्राप्त की जाना प्रस्तावित है जिनका परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा है तथा जिनके चयन की संभावना है। इस संदेश के साथ आपको भेजे जा रहे प्रपत्र में सहमति / असहमति प्रदान करें तदुपरांत आपको चयन प्रक्रिया में शामिल किया जा सकेगा। यदि आपका चयन अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए किया जाता है तो विदेश यात्रा, प्रशिक्षण, आवास एवं भोजन आदि समस्त व्यय शासन द्वारा वहन किया जाएगा।

इस तरह शिक्षा विभाग द्वारा कभी ताज होटल में कॉन्फ्रेंस करके तो कभी अफ्रीका और सिंगापुर विदेश यात्रा के बहाने अपने अपने चहेतों को मजे करने में विश्वबैंक से प्राप्त 600 करोड़ के बजट का बंटाढार किया जा रहा है।