भगवान भरोसे चल रहा मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम

बिना उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के हो रहे हैं करोड़ों के कार्य..

मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्य अभियंता ने तत्काल रद्द कराई टेंडर विज्ञप्ति..

ग्वालियर 22 नवंबर 2024। ग्वालियर में सिटी सेंटर स्थित ऑफिस के बाहर से ली गई तस्वीर में मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम का बोर्ड अथवा नाम का ना होना इसके जमीनी अस्तित्व की कहानी बयां कर रही है। जिसके अंदर उद्योग निगम की दो डिवीजन के अंतर्गत 18 से अधिक जिला में करोड़ों रुपए के कार्यो एवं कार्यवाहियों का संचालन होता है।

कुछ माह पूर्व ग्वालियर में एक डिवीजन थी जिसमें कार्यपालन/ महाप्रबंधक अनिल गंगरेडे एवं इकलौते उपयंत्री शिशपाल सिंह थे इन्हीं के पास सहायक यंत्री का प्रभार भी रहा परंतु हालही में ग्वालियर में बने निगम के दूसरे डिविजन के साथ ही साठ- गांठ से शिशुपाल सह डिवीजन 2 के प्रभारी कार्यपालन यंत्री/ महाप्रबंधक बन गए और इसी के साथ इन डिवीज़नों के अंतर्गत आने वाले 18 से अधिक जिले उपयंत्री एवं सहायक यंत्री विहीन हो गए।
कितनी हैरत की बात है कि बिना जमीनी अधिकारियों के सैकड़ों करोड़ के कार्यों का संचालन एवं संपादन कैसे संभव है, लघु उद्योग निगम के इन दो संभागों के अंतर्गत तकरीबन एक तिहाई मध्य प्रदेश में चल रहे कार्यों की निगरानी एवं निरीक्षण किसके हवाले है? भगवान भरोसे चल रहे इन कार्यों की गुणवत्ता एवं पूर्णता का अंदाजा यहां से साफतौर पर लगाया जा सकता है कि इनकी जमीनी हकीकत के बजाय कागजाती वजूद अधिक मजबूत है। विभाग के तमाम अधिकारी एवं कर्मचारी निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी देने से बचते नजर आते है जो अपने आप में सवालिया निशान हैं।                                               इस पूरे मामले पर युग क्रांति संपादक बृजराज सिंह ने आज सुबह लघु उद्योग निगम के हाल ही में पदस्थ हुए मुख्य अभियंता आरके जैन से विस्तार से चर्चा की। जिसमें उन्हे विभाग की कम जानकारी होने की वजह अपनी नवीन पदस्थापना बताते हुए श्री जैन ने पूरे मामले को गंभीरता से सुना एवं समझा और कहा कि वाकई इसमें जो भी खामियां है उसे मैं तत्काल दुरुस्त करूंगा। विभाग में कर्मचारीयों एवं अधिकारियों की पूर्ति के लिए जल्द ही भर्ती करेंगे, व्यापम में चयनित हुए कुछ इंजीनियरों की जल्द पदस्थापना के बाद यह समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल विभाग के पास करने के लिए कोई कार्य नहीं है।इस पर संपादक तोमर द्वारा ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, मुरैना, दतिया और झबुआ में होने वाले विभिन्न कार्यों हेतु 28.43 करोड रुपए की विज्ञप्ति की जानकारी जब मुख्य अभियंता जैन को दी वैसे ही उन्होंने त्वरित एक्शन मोड में आते हुए इस विज्ञप्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।