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करुणाधाम पीठाधीश्वर गुरुदेव श्री सुदेश जी शांडिल्य महाराज करेंगे नर्मदा परिक्रमा

नर्मदा परिक्रमा सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण, हरदा के ग्राम गोयद से 6 दिसंबर को शुरू होगी परिक्रमा

भोपाल 1 दिसम्बर, 2024। करुणाधाम आश्रम के पीठाधीश्वर श्री सुदेश जी शांडिल्य महाराज 6 दिसंबर से नर्मदा परिक्रमा करने जा रहे हैं। यह परिक्रमा हरदा के ग्राम गोयद से शुरू होगी। उनके साथ 60 से अधिक महिला, पुरुष और युवा परिक्रमा करेंगे।

गुरुदेव श्री शांडिल्य महाराज ने बताया कि नर्मदा परिक्रमा सामाजिक समरसता का विश्व का सबसे बड़ा उदाहरण है। इस परिक्रमा में कोई एक-दूसरे का पूरा नाम नहीं पूछता। यहां पर जाति भेद खत्म हो जाता है। अमीर-गरीब सब एक-दूसरे के साथ बैठकर भोजन करते हैं। यहां पंक्ति भेद खत्म हो जाता है। उन्होंने बताया की परिक्रमा के दौरान प्रत्येक दिन एक पौध-रोपण किया जाएगा, उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
गुरुदेव श्री शांडिल्य ने बताया कि नर्मदा परिक्रमा पूर्ण रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक है। लगभग 4000 किलोमीटर की यात्रा 90 से 120 दिन में पूरी होगी। परिक्रमा में हर पग पर ईश्वर का नाम लेते हुए आगे बढ़ा जाएगा। नर्मदा परिक्रमा से काम, क्रोध, लोभ इत्यादि का नाश होगा और आचरण उत्तम होगा।
गुरुदेव श्री शांडिल्य महाराज ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा है कि युवा साथी छोटे-छोटे प्रलोभन में न आए और अपने चरित्र निर्माण पर ध्यान दें। इससे उनका और भारत का भविष्य उत्तम हो जाएगा। युवा अपने जीवन को दो भागों में वितरित करेंगे तो एक कॅरियर बनाने वाले भाग पर ध्यान देंगे, तो उनका भविष्य अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि युवा छोटी-छोटी इच्छाओं के लिए अपना भविष्य दांव पर नहीं लगाए।
गुरुदेव श्री शांडिल्य ने कहा कि लोगों ने ईश्वर को तो नहीं देखा, लेकिन ईश्वर के समान अपने माता-पिता की सेवा कर ली, तो उनका सूर्य और चंद्र अपने आप अच्छा हो जाएगा और उसका पुण्य मिलेगा।