hacklink al
waterwipes ıslak mendilasetto corsa grafik paketijojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişpusulabetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişpusulabetjojobetjojobet girişbets10padişahbetpadişahbet girişjojobetjojobet girişholiganbetmatbetmatbet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetcasibomholiganbetholiganbet giriş

 कलयुग में सतयुगी कमिश्नर धनराजू एस

सदाचारी रवैया ने कसी वाणिज्य कर विभाग की नकेल..

बृजराज एस तोमर, भोपाल 17 दिसंबर 2024। सादगी और सदाचार की मिसाल 2009 बैच के वरिष्ठ आईएएस धनराजू एस ने शिवनी, भिंड, मंदसौर सहित कई जिलों में कलेक्टर के उपरांत राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के प्रबंध संचालक एवं राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक के रूप में विभिन्न पदों पर रहते हुए मानवता के अनूठे उदाहरण पेश किये। जिसमें उन्होंने कलेक्टर के दौरान 7 साल की अपनी बच्ची को सिविल अस्पताल में ओपीडी से परचा बनवाकर दाखिल करना, अपनी गाड़ी रोक कर फुटपाथ पर दिव्यांग की जनसुनवाई करना, अक्सर रक्तदान करते रहना, अपनी बच्ची को हाथ पकड़ पैदल पैदल स्कूल छोड़ना इत्यादि के रूप अनेकों मिसाल कायम की हैं।जहां-जहां वे कलेक्टर रहे वहां सारा शहर इनकी सादगी कि दीवाना रहा।
मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र से स्थानांतरित होकर वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त के रूप में हाल ही में पदस्थ हुए फिजूल खर्ची के घोर विरोधी धनराजू एस ने आते ही दो वाहनों को यह कहकर हटा दिया कि शासकीय वाहनों का निजी उपयोग नहीं किया जाएगा इसलिए सिर्फ एक वाहन रखा जाएगा और वह भी सोमवार से शुक्रवार कार्यालयीन समय पर उपयोग में लाया जाएगा।
श्री धनराजू सिर्फ शासकीय कार्य के लिए ही सरकारी वाहन का उपयोग करते हैं, बांकी अपने व्यक्तिगत समय में वे निजी एक्टिवा अथवा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करते हैं। मप्र वाणिज्य कर आयुक्त के साथ-साथ इन पर अपर सचिव के पद का भी दायित्व है। आयुक्त मुख्यालय इंदौर से भोपाल विभागीय कार्य हेतु हुए जाने के लिए ये पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही उपयोग करते हैं। श्री धनराजू ने पदस्थ होते ही छापे की कार्रवाई बंद कर दी क्योंकि उनका मानना है कि जांच एवं निरीक्षण मात्र एक भ्रष्टाचार बढ़ाने का जरिया है।

साथ ही जांच कार्रवाई रोकने का दूसरी बजह ये है कि पूर्व में आयुक्त द्वारा जांच की कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को जो पावर दिए जाते थे उनका चेकिंग में दुरुपयोग किया जाता था। अधिकारियों द्वारा बड़े ट्रांसपोर्टरों से खासी सुविधा शुल्क लेकर बड़ी मात्रा में माल सप्लाई किया जाता था जिसकी न तो कोई बिल, ई-वे बिल, बिल्टी होती और ना ही उसकी कोई जांच एवं चेकिंग की जाती थी। प्रदेश भर में व्याप्त भ्रष्टता के चलते विभाग के अधिकारियों द्वारा द्वारा बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियों को ना रोका जाता था ना उनके ऊपर किसी प्रकार की टैक्स से संबंधित कोई भी कार्रवाई की जाती थी। सूत्रों की माने तो पिछले पूरे साल में अपवाद स्वरूप भले ही तथाकथित बड़े ट्रांसपोर्टरों के किसी वाहन को रोका गया हो मगर किसी भी वाहन की जांच एवं उस पर दंड शास्ति की कार्रवाई का उदाहरण तक देखने को नहीं मिलेगा।
आज भी यही बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टर एंटी इवेजन ब्यूरो के आला अफसरों की मिलीभगत से बिना बिल, ई-वे बिल एवं बिल्टी के धड़ल्ले से भारी मात्रा में माल का ट्रांसपोर्टेशन कर रहे है।इन बड़े ट्रांसपोर्टर में मुख्य रूप से मऊरानी ट्रांसपोर्ट, दीपक ट्रांसपोर्ट, हरि एक्सप्रेस, गुरु कृपा ट्रांसपोर्ट, प्रगति ट्रांसपोर्ट एवं अन्य शामिल है।

तथाकथित इन आला अधिकारियों द्वारा पूरे प्रदेश में टैक्स की भारी भरकम चोरी को रोकने का ना तो कभी प्रयास किया गया और न किए जाने की संभावना है क्योंकि ये कालाबाजारी का यह गोरख धंधा इन्हीं के सए पर फल फूल रहा है। भले ही नवागत कमिश्नर धनराजू एस द्वारा भ्रष्टता के इस महासमुंद में धारा के विपरीत अपना विजय ध्वज लेकर पूरी मंशा एवं निष्ठा के साथ श्री कृष्ण की भूमिका में अर्जुन की तलाश के साथ “यदा यदा हि धर्मस्य…. के संदेश को अमलीजामा पहनाने भरसक प्रयत्न किया जा रहा हो !