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पढ़ाने के बोझ बढ़ने से शिक्षिका को आया ब्रेन स्ट्रोक, अस्पताल में आज दम तोड़ा

शिक्षका की शिकायत पर डीईओ ऑफिस ने नहीं लिया संज्ञान, नहीं की कोई कार्यवाही

रतलाम 27 दिसंबर 2024। प्रभारी प्रधानाध्यापक का दूसरे स्कूल में अटैचमेंट करने से महिला शिक्षिका पर बच्चों की पढ़ाई का बोझ बढ़ गया। इससे उन्हें शनिवार को ब्रेन स्ट्रोक आ गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां गंभीर हालत में दो दिन वेंटीलेटर रही और आज सोमवार को हैदराबाद के लिए रेफर कर दिया गया जहां डॉक्टरों ने उनका ब्रेन डेड घोषित करते हुए आज मृत घोषित कर दिया। शिक्षिका के परिजनों ने इसके लिए शिक्षा विभाग को जिम्मेदार ठहराया है और दोषी के खिलाफ सख्त  कार्रवाई की मांग की है।

करमदी के प्राथमिक स्कूल में 98 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। यहां प्रभारी प्रधानाध्यापक राधेश्याम यादव, शिक्षक अजीत चौहान और भारती परमार कार्यरत हैं। संकुल प्राचार्य ने 4 दिन पहले प्रभारी प्रधानाध्यापक यादव का होमगार्ड कॉलोनी स्थित प्राथमिक स्कूल में अटैचमेंट कर दिया, जबकि किसी भी प्रधानाध्यापक का अटैचमेंट नियम विरुद्ध है।शिक्षक अजीत ‘चौहान नए हैं और अर्द्धवार्षिक परीक्षा चालू होने से बच्चों की पढ़ाई का बोझ महिला शिक्षिका पर आ गया। इसकी शिकायत लेकर वो डीईओ ऑफिस पहुंचीं लेकिन वहां सुनवाई नहीं हुई। इससे उन्हें बेन स्ट्रोक आ गया और रतलाम के बरबड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती किया। डॉक्टर ने उनकी गभीर हालात को मध्य नजर ब्रेन का ऑपरेशन किया मगर उनकी स्थिति नाजुक बनी रही जिसके चलते उन्होंन अपनी क्षमता अनुसार जवाब देते हुए बड़ौदा के लिए सोमवार को रेफर कर दिया। बड़ौदा अस्पताल में उनकी गहन जांच पड़ताल और चिकित्सा के आधार पर ब्रेन को डैड होना बताते हुए शिक्षिका भारती परमार को मृत घोषित कर दिया। इनकी मौत से परिजनों एवं शिक्षक संघ में शिक्षा विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश है और भारती की मौत को शिक्षा विभाग द्वारा की गई हत्या बता रहे हैं।

मेरी बेटी की हालात के लिए विभाग के अधिकारी जिम्मेदार..

दो दिन पूर्व शिक्षिका की मां शशिकला परमार ने अपने कथन में आरोप लगाते हुए कहा कि अटैचमेंट से बच्चों की पढ़ाई का बोझ बेटी पर आ गया था। इससे वह परेशान थी। वह डीईओ ऑफिस गई थी और वहां शिकायती आवेदन दिया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे बेटी बीमार हो गई। शिक्षा विभाग के जिम्मेदार समय पर ध्यान देते तो ऐसा नहीं होता। मेरा एक बेटा और एक बेटी है। बेटे महेंद्र की छह महीने पहली मौत हो गई थी। अब बेटी की स्थिति भी चिंताजनक है। यह मेरा एक मात्र सहारा है। शासन को अटैचमेंट व्यवस्था समाप्त करनी चाहिए और इसके लिए जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।