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मप्र लोक शिक्षण आयुक्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए अटैचमेंट समाप्ति के निर्देश

आयुक्त के निर्देशों को परिभाषा बदलकर किया जा रहा है उल्लंघन.. 

बृजराज एस तोमर भोपाल (संशोधित समाचार)। परीक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के क्रम में मप्र लोक शिक्षण आयुक्त शिल्पा गुप्ता द्वारा दिनांक 23-12-2024 को आयोजित विडियो कान्फ्रेसिंग में शिक्षकों के उपायोजन पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश प्रदान किये कि “किसी भी संवर्ग के शिक्षक को गैर- शिक्षण कार्य अथवा व्यवस्था के लिए नहीं रखा जाएगा, इस तरह की व्यवस्था में संलग्न शिक्षक को तत्काल कार्य से मुक्त करा कर तीन दिवस में सभी जिला अधिकारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे”। इसी निर्देश के अनुपालन में उज्जैन संभाग के संयुक्त संचालक रमा नहाटे द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला समन्वयक से प्रमाणित जानकारी मांगी गई है।

मगर हैरान करने वाली बात यह है कि प्रदेश के आयुक्त एवं संभाग के संयुक्त संचालक के आदेश/ निर्देश के विपरीत किन वजहों से रतलाम की प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अनीता सागर द्वारा परिभाषा बदलकर आदेश को तोड़-मरोड़ करने की हिमाकत की गई है। हालांकि इनका कहना है कि यदि आदेश में कोई गलती अथवा जल्दबाजी हुई है तो उसे सुधरवा लूंगी, मैं दिखवाती हूं।

आयुक्त के निर्देश के विरद्ध परिभाषा बदलकर किया जा रहा है उल्लंघन..                                             

उपरोक्त आदेश को रतलाम जिला शिक्षा अधिकारी सागर ने अपनी परिभाषा में इस तरह से जारी किया कि ऐसे माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक जिनकी मूल पदस्थापना हाईस्कूल अथवा उ०मा०वि० में है तथा जो सर्व शिक्षा अभियान में विकासखंड अकादमिक समन्वयक, जन शिक्षक तथा साक्षरता अभियान में संकुल सह समन्वयक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत न होकर व्यवस्था स्वरूप कार्यरत है और जिनका वेतन विभाग द्वारा प्रदान किया जा रहा है उन्हें तत्काल उनकी मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त करवाया जाकर उनसे अध्यापन कार्य करवाया जावे।

बता दें कि इसी तरह अटैचमेंट के मामले में जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त के निर्देशों को सहायक आयुक्त ने परिभाषा बदलकर अपने ढंग से लागू करने की हिमाकत दिखाई गई थी। इस पर युग क्रांति द्वारा खबर प्रकाशित की गई जिसके चलते सहायक आयुक्त को पद गंवाकर आदेश के उल्लंघन की कीमत चुकानी पड़ी।

इनका कहना है    

मुझे जैसा समझ में आया उसी के परिपालन में मैंने जिला समन्वयक को निर्देश दिए हैं मगर यदि जल्दी में आयुक्त महोदया के निर्देशों से भिन्न यदि कुछ होगा तो अपनी गलती सुधार कर संशोधन किया जाएगा, मैं आदेश की कॉपी को चेक करती हूं।           *अनीता सागर, जिला शिक्षा अधिकारी, रतलाम                                                 

मुझे इसकी जानकारी नहीं है , डीईओ का पत्र भी मुझे नहीं मिला है दिखवा कर उनसे बात करूंगा, ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए।                      *रमा नहातटे, संयुक्त संचालक, संभाग उज्जैन