hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişcasibomcasibom girişjojobetjojobet girişpusulabetpusulabet girişholiganbetholiganbet girişpusulabetpusulabet girişpusulabet güncel girişvdcasinovdcasino girişholiganbetholiganbet girişkonya eskortvaycasinovaycasino giriş

श्योपुर में पदस्थ है तीन संतान वाला जिला शिक्षा अधिकारी

डीईओ गर्ग की तीसरी संतान (अमन) का जन्म 5 मार्च 2001 का है..

बृजराज एस तोमर, भोपाल-श्योपुर। मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण प्राधिकार से दिनांक 10 मार्च 2000 को प्रकाशित मध्यप्रदेश सिविल सेवा सेवा की सामान्य शर्तें नियम 1961 के नियम छह में संशोधित प्रावधान के अनुसार कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक संतान है, जिनमें से किसी एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को अथवा उसके पश्चात हुआ है, किसी भी प्रकार की शासकीय सेवा अथवा शासकीय पद के लिए पात्र नहीं होगा”।

ज्ञात हो कि 30 सितंबर 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी के पद से रविंद्र सिंह तोमर के सेवानिवृत हो जाने के उपरांत शासकीय कन्या हाई स्कूल के प्राचार्य मुन्नालाल गर्ग ने साठ-गांठ करके जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार हथिया लिया जबकि इनको कई मामलों में संलिप्त होने की वजह से इनके खिलाफ जांच चल रही है। साथ ही दिनांक 10 -3- 2000 को प्रकाशित गजट में मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम के अंतर्गत मुन्नालाल गर्ग शासकीय सेवा में रहने के पात्र तक नहीं है !

वार्ड-7, श्योपुरकलां निवासी एम एल गर्ग को शुभम, प्रियांशी और अमन के रूप में तीन संतानें प्राप्त हुई। सबसे छोटा पुत्र अमन अर्थात तीसरी संतान का जन्म गजट में प्रावधानित तिथि (26 जनवरी 2001) के बाद 5 मार्च 2001 को हुआ। इस नोटिफिकेशन के आधार पर शासकीय सेवा में रहने की इनकी पात्रता ही खतरे में है फिर भी शासकीय पद पर अब तक बना रहना ही बहुत बड़ी रियायत है, फिर भला ये जिला शिक्षा अधिकारी के इस अहम् पद पर कैसे काबिज है?

भले ही प्रभारी डीईओ गर्ग का अपना तर्क है कि मेरी नियुक्ति सन् 1988 की है जो प्रकाशित गजट से पूर्व की है इसलिए ऐसे अभ्यर्थी पर यह नियम प्रभावशील नहीं है मगर इस नियम के प्रभावशील होने पर तमाम लोक सेवकों को अभी तक अपनी सेवा गंवानी पड़ी है। उच्च न्यायालय ने आरोपित ऐसे अभ्यार्थी को शासकीय सेवा के पद से हटाए जाने पर जरूर राहत प्रदान की मगर दंड स्वरूप क्रमोन्नति एवं विशेष पद पर कार्यरत होने पर निषिद्धि जाहिर की। भले ही 26 जनवरी 2001 से पहले की किसी व्यक्ति की शासकीय सेवा में पदस्थापना हो मगर यह मिस कंडक्शन की श्रेणी में जरूर आता है ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी को विशेष पद का लाभ नहीं देना चाहिए।