यह कृत्य पुलिस कप्तान की आंखों से सुरमा चुराने जैसा..
ग्वालियर 11 दिसंबर 2024। तकरीबन 10 साल से अधिक समय पड़ाव थाना में पदस्थ रहे प्रधान आरक्षक शैलेश परमार के खिलाफ अवैध वसूली एवं अन्य शिकायतों के चलते पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने दिनांक 26.12.2024 को इसे लाइन हाजिर किया। एसपी के आदेश अनुपालन में पड़ाव थाना प्रभारी ने 6 जनवरी 2025 को थाना से रिलीव कर दिया और इसने लाइन में आमद दे दी।
दीवान जी ने लाइन में आमद के रूप में अपनी हाजिरी दर्ज कराकर पुलिस अधीक्षक के आदेश पालन की औपचारिकता तो कर दी मगर विश्वास्त सूत्र अनुसार इन्होंने आर आई रंजीत सिकरवार से सांठ-गांठ करके अपनी व्यवस्था जमा ली और थाना अंतर्गत किए जाने वाले अपने कार्यों को जारी रखा जो पड़ाव थाने में रहकर वसूली के रूप में किया करते थे। इसके अवैध वसूली के ठिकाने में मुख्य रूप से बालाजी गेस्ट हाउस, पाठक गेस्ट हाउस, होटल रॉकस्टार, लक्ष्मी प्रिविलेज, महालक्ष्मी गेस्ट हाउस, अमर पैलेस, सम्यक गैलेक्सी एवं शराब के ठेके सहित अन्य कई ठिकाने हैं। सूत्रों की माने तो इसके द्वारा तकरीबन 25 होटलों एवं शराब के ठेकों से हर माह तकरीबन 5 लाख की वसूली किया जाना सुना जाता है। प्रधान आरक्षक पर परमार ने निजी स्वार्थ के चलते अपने कप्तान की आंखों से सुरमा चुराने जैसी युक्ति का इस्तेमाल किया है।
इसी तर्ज और तदवीर के पड़ाव थाने में प्रधान आरक्षक अरुण मिश्रा है जो तकरीबन 18 साल से इसी थाना जमे रहकर इस तरह के कारनामों को अंजाम दे रहे हैं, इसके पास स्टेशन बजरिया की वसूली का काम है।