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सौरभ के कई सहयोगी, अधिकारी एवं एक मंत्री जांच एजेंसियों के रडार पर

कैंप ऑफिस में पदस्थ आरटीआई, रिटायर्ड अधिकारी एवं मुख्यालय में अहमियत रखने वाला कर्मचारी शक के दायर में..

भोपाल 3 फरवरी 2025। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के करीबियों पर अब जांच एजेंसियों की नजर टेढ़ी हो गई है। लोकायुक्त पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन लोकायुक्त पुलिस के साथ ईडी और अन्य एजेंसियां भी जांच कर रही हैं। सौरभ शर्मा के दो दर्जन खास सहयोगी, जिनसे संपत्तियों को लेकर शर्मा से संबंध हैं। उनके साथ आधा दर्जन अधिकारी भी लोकायुक्त पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों की रडार पर हैं। सूत्रों का कहना है कि एक मंत्री से भी पूंछतांछ हो सकती है |बताया जाता है कि सौरभ शर्मा की काली कमाई में आधा दर्जन अधिकारी साझेदार हैं। लोकायुक्त पुलिस संगठन शर्मा और उसके साझेदारों से शुरुआती पूछताछ के बाद जांच का दायरा बढ़ा रहा है। लोकायुक्त पुलिस ने 28 जनवरी को नाटकीय घटनाक्रम में सौरभ को जिला अदालत के बाहर से गिरफ्तार किया था, जहां वो समर्पण करने पहुंचा था। इसके बाद ही सौरभ के पार्टनर चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को भी हिरासत में ले लिया था। रात भर एक थाने में तीनों को साथ रखा गया था। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस कार्यालय में तीनों से अलग-अलग पूछताछ कर रही है।

बेनामी संपत्ति को लेकर कसेगा शिंकजा..
सौरभ से उसकी कंपनियों अविरल इंटरप्राइजेस, अविरल कंस्ट्रक्शन और अविरल फिशरीज और पेट्रोल पंपों को लेकर पूछताछ की है। उसके घर और ऑफिस से ऑडिट रिपोर्ट भी ले चुके हैं। अब तक की पूछताछ में सौरभ से जिस भी संपत्ति के बारे में पूछा जाता है, वो उसी के बारे में बात करता है जो उसके नाम पर है। बाकी के लिए उनके मालिकों से बात करने के लिए कहता है। बताया जा रहा है इस दौरान शरद और चेतन सिंह गौर से ज्यादा सवाल-जवाब नहीं किए गए हैं। शरद को घबराहट होने पर अस्पताल भी ले जाना पड़ा था।

ये दिलचस्प जानकारी सामने आई है कि शरद और चेतन सारी संपत्तियां सौरभ की बता रहे हैं जबकि वो इससे इंकार कर रहा है। इस मामले में जो बेनामी संपत्तियां सामने आ रही हैं, उन पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसेगा। सूत्रों की माने तो डेढ़ करोड़ की गाड़ी में चलने वाला कैंप ऑफिस में पदस्थ आरटीआई, हाल में रिटायर हुए आरटीआई बघेल एवं पटेल तथा परिवहन मुख्यालय ग्वालियर में पदस्थ 700 करोड़ की बेनामी संपत्ति का मालिक भी जांच एजेंसी के घेरे में आ सकते हैं। साथ ही सौरभ शर्मा के गिरफ्त में आने पर चिरूला बैरियल के आरटीआई/ टीएसआई का हरकत में आना भी जांच एजेंसी को शकते में डाल सकता है !