खबर के संज्ञान पर कलेक्टर की अनुकरणीय पहल..
मान्यता के सभी 469 प्रकरण आज की आज निपटाए भले ही रात के 12 बज जाए: कलेक्टर श्रीवास्तव
भिंड, 9 मार्च 2025। सत्र 2025- 26 कक्षा 8 की मान्यता को लेकर भिंड में मचे बवाल पर भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक कर पूर्ण विराम लगा दिया है जिसमें उन्होंने जिला परियोजना समन्वयक एवं समस्त बीआरसी को निर्देशित किया कि नवीन मान्यता एवं मान्यता नवीनीकरण के सारे के सारे मामले आज की डेट में निराकृत होना चाहिए चाहे रात के 12 बज जाए, यदि किसी की फाइल में कोई कमी हो तो उसे मेरे संज्ञान में लाते हुए कमी की पूर्ति के लिए 2 दिन का नोटिस दे और उसके उपरांत उसे मान्यता प्रदान कर दी जाए।
गौरतलब है कि भिंड जिला के अशासकीय स्कूलों की कक्षा 8 तक की मान्यता को लेकर भिंड शिक्षा विभाग द्वारा 30 से 40 हजार रुपए की वसूली के विरोध में सभी संचालकों ने लामबंद होकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के समक्ष नाराजगी जताई थी और इसी के चलते 100 से अधिक स्कूल संचालकों ने अपनी मान्यता तक सरेंडर कर दी थी। जिस पर युग क्रांति द्वारा प्रकाशित खबर के माध्यम से न सिर्फ भिंड प्रशासन को सजग किया बल्कि प्रदेश के आला अधिकारियों को भी चेताने की कोशिश की। ताबड़तोड़ एक्शन के लिए पहचाने जाने वाले कलेक्टर श्रीवास्तव ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए ऐतिहासिक और अनुकरणीय निर्णय लिया। उनके इस निर्णय से प्रसन्न स्कूल संचालकों ने कहा कि भिंड के इतिहास में यह पहला निर्णय है जिसके लिए कलेक्टर साहब को जितना धन्यवाद किया जाए वो कम है। मगर फिर भी अहम सवाल यह है कि छोटी सी गलती के लिए तत्काल निलंबित करने वाले कलेक्टर श्रीवास्तव के सामने इतने बड़े बवाल के पीछे जिम्मेदार डीपीसी आरडी मित्तल सहित अन्य को रियायत देने के पीछे क्या बजह रही !
भिंड का यह पूरा मामला शिक्षाप्रद है जो एक ओर जहां अन्य जिलों के स्कूल संचालकों को एकजुट होकर साहस दिखाने की प्रेरणा देता है तो वहीं दूसरी ओर अन्य जिला के कलेक्टरों को भिंड कलेक्टर के निर्णय से सबक लेने की सीख देता है। यदि ऐसा हुआ तो मान्यता के आवेदन में लेंस लगा- लगा कर कमियां खोज -खोज कर की जा रही बसूली से ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर सहित तमाम जिलों के निजी स्कूल संचालकों को भी राहत मिल सकती है।
इस खबर पर हुआ असर..