हैदराबाद में ट्रेनी आईपीएस है आयुषी..
ग्वालियर 22 अप्रैल 2025। पारिवारिक संघर्षों के बावजूद अपने लक्ष्य के प्रति उन्मुख आयुषी पिछली बार 2023 में आईपीएस के रूप में चयनित हुई और आज सिविल सर्विस में 7वीं रैंक हासिल कर उन्होंने देश के पटल पर ग्वालियर का परचम लहरा दिया है।
आयुषी के पिता संतोष बंसल की सन् 2007 में दतिया पीताम्बरा पीठ माता के दर्शन करके लौटते वक्त रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई। वह एलआईसी में डेवलपमेंट ऑफिसर थे। उन्होंने जीवाजी यूनिवर्सिटी से गणित में गोल्ड मेडलिस्ट के रूप में स्नातक किया। पिता की मौत के बाद मानो संघर्षों का पहाड़ टूट पड़ा हो मगर इनकी मां राधा बंसल ने अपने हौसले को जिंदा रखते हुए अपनी बेटी की ख्वाहिश को पूरा करने के लिए माता और पिता दोनों का फर्ज अदा किया। इनकी मां राधा बंसल अनुकंपा नियुक्ति पर वर्तमान में मुरैना में क्लर्क हैं।
आयुषी की स्कूलिंग कार्मेल कन्वेंट स्कूल ग्वालियर से हुई, उसके बाद आरके पुरम दिल्ली स्थित डीपीएस में पढ़ाई करते हुए 12वीं टॉप किया और फिर आईआईटी में चयनित होकर कानपुर से गोल्ड मेडलिस्ट रही। तदुपरांत आयुषी ने सिविल सर्विस की तैयारी की और फर्स्ट अटेम्प्ट में 188 रैंक और दूसरे अटेम्प्ट (2023) में 97 रैंक अर्जित कर आईपीएस के रूप में चयनित हुई। वर्तमान में आयुषी हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग कर रही है। आइएएस के लक्ष्य के प्रति संकल्पित आयुषी यहां संतुष्ट नहीं हुई तो उन्होंने तीसरा अटेम्प्ट दिया जिसमें उन्होंने इच्छानुरूप 7 वीं रैंक अर्जित कर न सिर्फ माता-पिता और समाज के साथ-साथ ग्वालियर एवं पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया बल्कि समूचे देश की छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन गई है।
आयुषी की ऐतिहासिक सफलता पर उनकी मां राधा बंसल ने कहा कि यह सब बेटी की मेहनत और भगवान की कृपा का फल है। उन्होंने बताया कि आयुषी अभी आईपीएस की ट्रेनिंग कर रही है और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है।
वहीं, अपनी सफलता पर आयुषी कहती हैं कि जितना संघर्ष उनका रहा है, उससे कहीं अधिक संघर्ष उनकी मां का रहा है। उन्होंने समाज से लड़कर मुझे पढ़ाया-लिखाया और इस मुकाम तक पहुंचाया है। आज मैं जो कुछ भी हूं, अपनी मां के कारण ही हूं।