युगक्रांति की खबरों पर लोकायुक्त ने लिया पूरा संज्ञान..
जांच एजेंसियों के रडार पर है: 10 साल से मलाईदार पोस्टों पर पदस्थ रहे परिवहन अधिकारी..
भोपाल/ ग्वालियर 28 अप्रैल 2025। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त कराने की युग क्रांति की अपनी मुहिम सार्थकता की ओर बढ़ती नजर आ रही है जिसके अंतर्गत न सिर्फ चेक प्वाइंटों पर हो रही अवैध वसूली पर कसावट आई है बल्कि परिवहन विभाग को दीमक की तरह खोखला करने वाले तथाकथित करिंदों पर जांच एजेंसी का नकेल कसने का सिलसिला तेजी पकड़ रहा है।
इस क्रम में युग क्रांति द्वारा सर्वप्रथम 21 और 23 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित खबर क्रमशः “मप्र परिवहन विभाग की दुर्दशा के लिए दलाल एवं विभागीय नेता जिम्मेदार.. चंद ठेकेदारों/ दलालों की कठपुतली बना हुआ है प्रदेश का परिवहन विभाग..”और “दलालों एवं विभागीय नेताओं की भेंट चढ़ा मध्य प्रदेश परिवहन विभाग“.. के अंतर्गत विस्तार से बताया गया कि वीरेश तुमराम, सौरभ शर्मा, किशोर सिंह बघेल सहित कुछ अन्य सहयोगियों के माध्यम से कैसे प्रदेश का परिवहन विभाग सिंडिकेट की तरह चलाया जाता रहा है और कैसे यही चुनिंदा सरगना चेक पोस्टों पर अपने अपने डमी कैंडिडेट बिठाकर अवैध वसूली का गोरख धंधा संचालित करते रहे ! इन दोनों एपिसोडों में इस बात का भी खुलासा किया गया कि तथाकथित इन करिंदों में किसके पास कितने और कौन-कौन से बेरियल रहे जहां पर किस-किस को डमी कैंडिडेट रखा गया।
इन खबरों के प्रकाशन उपरांत सिंडिकेट के एक सदस्य सौरभ शर्मा को लोकायुक्त ने अपने शिकंजे में ले लिया। युग क्रांति को मिली छोटी सी सफलता के उपरांत संपादक बृजराज तोमर का हौसला और बढ़ गया एवं लगातार मध्य प्रदेश लोकायुक्त के संबंधित अधिकारियों से बातचीत का क्रम जारी रखते हुए उन्होंने खबरों का दौर जारी रखा और अपनी खबरों के खुलासों के माध्यम से एजेंसी को नई-नई जानकारी से अपडेट रखा।
अभी हाल में 21 और 25 अप्रैल को प्रकाशित खबर क्रमशः “मध्य प्रदेश परिवहन का खलीफा है वीरेश तुमराम.. 10 चेक प्वाइंटों पर आज तलक अधिपत्य बरकरार ..रखने के साथ-साथ इसे तकरीबन 500 करोड़ से बड़ा बेनामी संपत्ति का सम्राट बताया गया और इस पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई इस पर विस्तार से लेख प्रकाशित किया गया। इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि यदि सरकार परिवहन विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहती है तो पिछले 15 साल में पदस्थ रहे आयुक्तों एवं मलाईदार अन्य पोस्टों के परिवहन अधिकारियों की सूची बनाकर उन पर कार्रवाई करते हुए उनसे वसूली करना चाहिए।
इन सबको मध्य नजर सत्तासीन परिवहन मंत्री ने गंभीर रुख अपनाया और लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा मामले में जांच के दायरे को बढ़ाते हुए कैंप ऑफिस में पदस्थ तथाकथित खलीफा आरटीआई वीरेश कुमार तुमराम के साथ-साथ इनके सहयोगी रहे आरटीआई प्रमोद कापसे एवं गिरजेश वर्मा को भी नोटिस दे डाला। लोकायुक्त पुलिस द्वारा इन तीनों आरटीआई को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। सूत्रों की माने तो तुमराम पर दिल्ली सहित कई जगह पर बेनामी संपत्ति होने एवं चेक पोस्टों को ठेके पर चलने का आरोप होना बताया गया है। साथ ही लोकायुक्त एवं अन्य जांच एजेंसियों के रेडार पर ऐसे तमाम परिवहन अधिकारी है जिनके विरुद्ध इसके पुख्ता सबूत है कि इन्होंने पिछले 10 से 15 साल में मलाईदार पोस्टों पर रहते हुए खुलेआम भ्रष्टाचार किया है। इस क्रम में एजेंसी इन परिवहन अधिकारियों की सूची तैयार करते हुए नोटिस भेजने की तैयारी में जुटी हुई है। अब वह दिन दूर नहीं जब सिंडिकेट का तीसरा सदस्य और परिवहन मुख्यालय में पदस्थ 700 करोड़ की शख्सियत भी जल्द ही लोकायुक्त की गिरफ्त में होंगी।
हाल ही में प्रकाशित परत दर परत खबरें