प्रभारी जिला पंचायत सीईओ श्री सत्यम ने बैठक लेकर दिए निर्देश
ग्वालियर 02 जून 2025/ जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिले में निर्माणाधीन जल संरचनाओं एवं पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार कार्य की समीक्षा की गई। सोमवार को जिला पंचायत के सभागार में आयोजित हुई बैठक में जिला पंचायत के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुमार सत्यम ने जनपद पंचायतों के सीईओ एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों को बरसात से पूर्व गुणवत्ता के साथ सभी संरचनाओं का काम पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला पंचायत के प्रभारी अधिकारी तथा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं उपस्थित रहे। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले की सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं सहायक यंत्री, उपयंत्री तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी बैठक में शामिल हुए।
पिछले 6 मास से बिखरी एवं खुदी पड़ी है नाले जैसी संरचना..
नगर निगम। विगत वर्ष हुई भारी बर्षा के चलते शहर में जल भराव की स्थिति निर्मित हो जाने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने जल निकासी के तमाम असली एवं वोकस इंतेजामत किए थे। इसी क्रम में तत्समय वार्ड 18 में महाराजपुरा- वैभव एनक्लेव से होते हुए ग्रीनबुड स्कूल की ओर नहर वाली रोड के बाजू में नाले के नाम पर नगर निगम द्वारा खुदाई का कार्य कराया गया था। निगम कर्मियों से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह विधिवत पक्के नाले का निर्माण किया जा रहा है इसके दोनों तरफ रोड बनने की प्रस्तावना है। स्थानीय निवासियों एवं विभागीय विश्वस्त सूत्रों की माने तो निगम द्वारा तथाकथित यह नाला निर्माण “एक तीर से दो निशान साधना” जैसा था। पहला यह कि किस तरह से निगम निधि का बंदरबाट अथवा बंटाधार हो और दूसरा मसला बेहद अंदरुनी है। बताया जाता है कि इस क्षेत्र के किसी स्थानीय व्यक्ति से नगर निगम के सक्षम अधिकारी के बेहद करीबी संबंध के चलते काफी आना-जाना है। जल भराव के संकट से जब यह व्यक्ति भी प्रताड़ित हुआ तो उसे निगम अधिकारी से दोस्ती याद आई और फिर वही दोस्ती निगम अधिकारी ने निभाई ।
इस निगम अधिकारी का नाम लेकर मैं मंदिर की पवित्रता भंग नहीं करना चाहूंगा मगर फिर भी यह बता दूं कि इस शख्स द्वारा पूर्व नगर निगम कमिश्नर अमन वैष्णव को गुमराह करके आधे- अधूरे कार्य के नाम पर निगम बजट को निजी हितों में ठिकाने लगाने का काम किया है। यदि प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो इस बिखरे पड़े नाले वजह से वर्षा के दौरान स्थानीय लोगों को आवागमन के भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है।