परिवहन एसआई भार्गव द्वारा माल्थोन-सागर में किया जा रहा है अवैध वसूली का नंगा-नाच

अवैध वसूली के कालाबाजार से रोजाना की कमाई 15 से 18 लाख रू, हर माह का आंकड़ा 4 से 5 करोड़..

जब मियां भऐ कोतवाल तो अब डर काहे का..

भोपाल 3 जून 2025। जुलाई 2024 में मध्य प्रदेश  परिवहन विभाग के सभी चेक पोस्टों को बंद करके गुजरात मॉडल लागू करने के नाम पर जहां एक ओर प्रदेश सरकार पूरे देश में ईमानदारी का डंका बजा रही है लेकिन वहीं दूसरी ओर परिवहन आयुक्त के तमाम बड़े-बड़े दावे और इरादे खोखले साबित हो रहे हैं। अवैध वसूली का ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है भले ही इस समर में कमिश्नर विवेक शर्मा तमाम कौरवों के बीच अकेले ही कृष्ण और अर्जुन की दोहरी भूमिका में हो!

अक्सर सुर्खियों में रहने वाला सागर का माल्थोन बेरियल और हाल ही में फ्लाइंग एवं चेक पॉइंट प्रभारी के रूप में पदस्थ हुए विवादास्पद कुलदीप भार्गव का ताजा मामला सामने आया है। ये पूरे सागर में अवैध वसूली का कारोबार बेखौफ होकर कर रहा है। इसके द्वारा प्रत्येक वाहन से बंधी के तौर पर प्रति माह 4500 रुपए लिए जाते हैं जिसका स्वरचित कूपन दिया जाता है। इसी क्रम में युग क्रांति द्वारा ये दो कूपन प्राप्त किए हैं जिसके नमूना सैंपल यहां मौजूद है।

वसूली (बंधी) के लिए इशू होता है निजी कूपन

01 जून का लोकेशन युक्त कूपन फ्लाइंग द्वारा सागर के खेजराबाद पॉइंट से जारी किया गया जिसमें कर्नाटक के वाहन का क्रमांक KA 51 AK 2852, ड्राइवर का नाम: जगदीश कुमार और 4500 रुपए स्पष्ट रूप से अंकित है। इसी तरह इसी दिन दूसरा निजी कूपन माल्थोन बेरियल से दिया गया जिसमें वाहन क्रमांक KA 51 Aj 3950 के साथ कूपन की वैलिडिटी 01-06.2025 से 30-6- 2025 और 4500 रुपए स्पष्ट अंकित है।
बता दें कि मालथोन चेकप्वाइंट से प्रतिदिन तकरीबन 150 से 200 वाहन और यही संख्या फ्लाइंग के चेकिंग पॉइंट पर रहती है जिन्हें बंधी के रूप में यह निजी कूपन दिए जाते हैं। इस हिसाब से माल्थोन की कम से कम अवैध वसूली तकरीबन 7 से 9 लाख रुपए प्रतिदिन और अवैध वसूली का यही अनुमानित आंकड़ा फ्लाइंग स्क्वॉड का है। इस तरह प्रभारी अधिकारी कुलदीप भार्गव की रोजाना की अवैध वसूली 15 से 18 लख रुपए आंकी गई है और हर माह का ये भारी भरकम आंकड़ा 4 से 5 करोड़ का है।

जब मियां भए कोतवाल तो अब डर काहे को..
ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व रीवा में वसूली के दौरान कुलदीप भार्गव और रवि मिश्रा द्वारा एक ड्राइवर की जमकर पिटाई की गई थी जिसमें उसे गंभीर चोटें आई थी। जिसके चलते इन्हें वहां से हटाया गया था मगर इस दुष्कृत्य के बावजूद क्या पुरस्कार स्वरूप मलाईदार ये पद दिया गया? इस तरह की सुर्खियों में रहने का कुलदीप भार्गव का रिकॉर्ड है। तमाम लोगों के मुंह से यह सुना गया है कि भार्गव साहब स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि “मैं किसी अधिकारी- वधिकारी को नहीं सेटता, मेरा कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता क्योंकि मेरे बॉस वीरेंद्र तिवारी परिवहन मंत्री के दाहिने हाथ हैं।” यहां से यह साफ तौर पर समझा जा सकता कि परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के विशेष सहायक/ ओएसडी तिवारी जी को कुलदीप भार्गव को सशर्त संरक्षण प्राप्त है। तो भला कुलदीप को काहे का डर, जब मियां (वीरेंद्र तिवारी) कोतवाल से कहीं अधिक बड़े हैं।

परिवहन विभाग में अवैध वसूली

अब देखने वाली बात यह होगी कि ईमानदारी की मिसाल कायम करने में जुटे परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा इस भ्रष्ट पर कार्रवाई कर एक नई मिसाल कायम करते हैं अथवा आका तिवारी के चलते कुलदीप भार्गव के सामने बोने साबित होते हैं?