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 डीईओ की कुर्सी क्यों नहीं छोड़ना चाहते अजय कटियार

ग्वालियर में संयुक्त संचालक बनने की फिराक में है !..

ग्वालियर 15 जून 2025। कुर्सी का मोह कहें या इस पद से दौलत, शोहरत और शक्ति अर्जित करने की हवस अथवा अन्य कोई स्वांग, जिसके चलते अपने नैतिक कर्तव्यों को भूल कर एक व्यक्ति उच्चपद प्रभार मिल जाने के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी के निम्न पद से चिपका हुआ है। साथ ही वहीं (ग्वालियर) संभागीय संयुक्त संचालक बनने की फिराक में जी जान से जुटा हुआ है जो कि पूर्णतः नियम विरुद्ध है।

यह मामला है कई काले- भूरे कारनामों के लिए कुख्यात- विख्यात ग्वालियर जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार का

ट्रांसफर

जिसे अभी हाल में दिनांक 06 -06- 2025 को विधि प्रकोष्ठ जबलपुर का उच्च पद प्रभार दिया गया है साथ ही ग्वालियर के संचालक दीपक पांडे को लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के लिए स्थानांतरित करने का आदेश जारी हुआ। आदेश मिलने के उपरांत संयुक्त संचालक पांडे ने नैतिकता दिखाते हुए वह ग्वालियर से रिलीव हो गए मगर इतने दिनों बाद भी कटियार आज दिन तक डीईओ की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं है जब तक कि वरिष्ठ अधिकारी को मजबूरन इसे धक्का मार कर पद से हटाना न पड़े। शासन द्वारा कटियार को विधि विभाग का संयुक्त संचालक बनाया जाना स्वागत योग्य फैसला है क्योंकि विभिन्न जिलों में डीईओ के कार्यकाल दौरान खुद को बचाने अथवा दूसरों को फसाने के प्रयास में कटियार को थाना, कोर्ट- कचहरी में सुप्रीम कोर्ट तक का लंबा अनुभव है।

बता दे कि प्रदेश के शिक्षा जगत के इस शख़्स के काले अध्यायों में कई अपराधिक एवं आर्थिक अनियमितताओं के मामले सुमार है जिसकी काफी लंबी फेरिस्त है। सूत्रों की माने तो इसके विरुद्ध अभी हाल में ईओडब्ल्यू ग्वालियर में मामला दर्ज होना बताया गया है। ईओडब्ल्यू ग्वालियर ने पिछले वर्ष भी कटियार के विरुद्ध अनुरक्षण मद से शाला मरम्मत कार्यों में अनियमितता के मामले में प्रकरण दर्ज किया था जिसकी जांच चल रही है। EOW में दर्ज जांच प्रकरण क्र  – 221/2025 एवं 53/2023 के चलते ही कटियार को जबलपुर ट्रांसफर किया जाना बताया गया है।

मगर यह शख्स ग्वालियर-चंबल संभाग के संयुक्त संचालक के रूप में पदभार ग्रहण करने की फिराक में अपने आकाओं के साथ कड़ी- कुंदे सेट करने में जुटा हुआ है। ताकि यहीं ग्वालियर डीईओ के सिर पर बैठकर अपने कारनामों को दबाता रहे साथ ही नए कारनामों को अंजाम देता रहे। इसे भलीभांति ज्ञात है कि इसके ग्वालियर में संयुक्त संचालक बन जाने के बाद जो भी ग्वालियर जिला शिक्षा अधिकारी बनेगा वह इसकी कठपुतली मात्र होगा।

बता दे कि मध्य प्रदेश में इस तरह के कुख्यात/ विख्यात बहुचर्चित शख्सों की रहनुमाई संचालनालय भोपाल के आका पंडित जी करते हैं जो कटिहार के भी रहनुमा है। सूत्रों की माने तो ग्वालियर के जनसेवक मंत्री के बंगले से बिना मंत्री जी की जानकारी के भी मदद मिल रही है। अपने कार्यकाल में इसने कितने महान कार्य किये है जो ग्वालियर के कई संगठनों ने डीईओ को रिलीव करने के लिए कलेक्टर रुचिका चौहान को ज्ञापन तक दिए हैं। अब देखना यह होगा कि शिक्षा में स्वच्छंदता की दुहाई देने वाली कलेक्टर मैडम और जिला पंचायत सीईओ सहित शासन के सक्षम प्राधिकारी आदेश पर अमल कराने में कामयाब होते हैं अथवा इस शख्स के सामने बने साबित होते हैं ?