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तमाम आरोपों में लिप्त दूषित व्यक्ति द्वारा झाबुआ डीईओ बनने की नापाक कोशिश

मंत्री एवं प्रदेश के प्रमुख आला अफसरों को भी ठेंगा दिखाता है ओपी बनडे..

बृजराज एस तोमर भोपाल।  एक तरफ जहां मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री एवं प्रमुख सचिव प्रदेश के शिक्षा जगत को स्वच्छंद बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर निजी स्वार्थ के चलते संचालनालय के तथाकथित संचालक महोदय इनकी पावन मंसा को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे और तमाम विवादित चेहरों की रहनुमाई कर रहे हैं ।

यह मामला है वर्तमान प्राचार्य व पूर्व डीपीसी एवं डीईओ ओपी बनडे का, जिसने डीपीसी खरगोन के पद पर रहते हुए कलेक्टर एवं प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बिना अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण एवं संलग्नीकरण कर डाले। मामले की जांच कलेक्टर खरगोन द्वारा की जाकर बनडे को दोषी पाया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह खरगोन जिले के जनपद शिक्षा केन्द्रों में स्वीकृत पदों से अधिक पदों पर बीएसी की नियुक्ति करना, बालिका छात्रावासो में वार्डनो की नियम विरुद्ध नियुक्ति करना साथ ही इन छात्रावासो में पलंग के क्रय में भारी वित्तीय अनियमितता की गई। पुनः प्रकरण की जांच कलेक्टर खरगोन द्वारा की गई और बनडे को दोषी पाए जाने पर कलेक्टर ने पत्र क्रमांक 2076 दिनांक 19.11.2022 के द्वारा बनडे के विरुद्ध कार्यवाही हेतु राज्य में लिखा किंतु बनडे के विरुद्ध भ्रष्टाचार की कार्यवाही करने की बजाय उसे पुरस्कृत करते हुए लोक शिक्षण ने झाबुआ जिले में जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्त कर दिया। यह पूरा मामला जब युग क्रांति द्वारा जोरों पर उठाने पर लोक शिक्षण को पता चला तो इन्होंने बनडे को विशिष्ट संस्था मॉडल स्कूल धर्मपुरी में प्राचार्य बनाकर सुरक्षित कर दिया।
क्रय की गई सामग्री का गड़बड़ घोटाला ?
झाबुआ में जिला शिक्षा अधिकारी रहते हुए बनड़े ने कार्यालयीन उपयोग के लिए 5,46,107 रुपए की सामग्री क्रय की और इसकी पावती कार्यालय में जमा जरूर करा दी मगर धर्मपुरीडीईओ ऑफिस स्कूल में स्थानांतरण के बावजूद इन्होंने उक्त सामग्री कार्यालय को सुपुर्द न करके अपनी अभिरक्षा में रखी ली। इसके उपरांत जब रूपसिंह बामनिया डीईओ के रूप में झाबुआ पदस्थ हुए तो उन्होंने बनडे से इस सामग्री को जमा करवाने के लिए संयुक्त संचालक इंदौर को पत्र लिखा मगर बनडे पर इसका कोई असर ना हुआ। तदुउपरांत बामनिया ने अपने पत्रों द्वारा दिनांक 7.6.2024 को मप्र लोक शिक्षण संचालक से, दिनांक 7.8.2024 को लोक शिक्षण आयुक्त से इस आशय निवेदन किया एवं दिनांक 9.10.2024 बामनिया द्वारा लोक शिक्षण संचालक द्विवेदी जी से अर्धशासकीय पत्र के माध्यम से पुनः आग्रह किया और यही क्रम आज दिनांक तक जारी है मगर सामग्री जमा होने के नाम पर आजकल आजकल होकर मामले को दरकिनार किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो इस तरह की कोई सामग्री उपलब्ध है ही नहीं तो बनडे जमा क्या कराएगे, इस सामग्री का क्या हुआ अथवा कहां गई यह तो स्वयं ओपी बनडे ही जाने!

इन सब के बावजूद बनडे अपने विवादास्पद आका और काले धन की अर्थव्यवस्था की दम पर फिर से झाबुआ का जिला शिक्षा अधिकारी बनने की नापाक कोशिश कर रहा है। इस क्रम में प्रदेश में रिक्त जिला शिक्षा अधिकारी के पदों की पूर्ति हेतु लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा परीक्षण प्रक्रिया में दिनांक 5.6.2024 को इसने भाग लिया है। इतना ही नहीं संचालनालय के पंडित जी द्वारा इसे पूरा आश्वासन भी मिल गया है जिसके चलते बनड़े द्वारा सप्लाई एवं विभिन्न कार्यों के नाम पर व्यवसायियों से पैसों की उगाई भी चालू कर दी है जिसकी पेशगी पंडित जी को एडवांस में दी गई है। (सूत्र)

अब देखना यह होगा कि शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव, आयुक्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ठेंगा दिखाकर मनमानी करने वाले तमाम आरोपों में संलिप्त इस अनुशासनहीन शख्स के सामने प्रदेश की पूरी शिक्षा व्यवस्था घुटने टेकती है अथवा तथाकथित इस प्रदूषण से शिक्षा जगत को स्वच्छ रखती है ?