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रेलवे स्टेशन निर्माण में लेट लतीफी के लिए ठेकेदार नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया जिम्मेदार

रेलवे की प्रोजेक्ट मैनेजिंग कंसल्टेंसी का वक्तव्य..

ग्वालियर 8 जुलाई 2025। मंत्रियों एवं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की तमाम हिदायतों के बावजूद दिसंबर 2024 में पूर्ण होने वाला रेलवे स्टेशन ग्वालियर का पुनर्विकास कार्य अभी तक 55% हो पाया है फिर भी इसकी प्रगति में कोई सुधार नहीं है जबकि ठेकेदार कंपनी केपीसी बिना किसी पेनल्टी इसके लिए एक बार समय वृद्धि (time extension) ले चुकी है और दोबारा प्रस्तावित है।

रेलवे की अधिकृत पीएमसी के मैनेजर अनिल जोहरी ने युग क्रांति को जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी को पहला एक्सटेंशन अगस्त 2025 तक का दिया है और फिर से कंपनी ने अप्लाई किया है। यहां के प्रस्ताव के साथ रिपोर्ट के आधार पर जोनल ऑफिस प्रयागराज से एक्सटेंशन मंजूर होता है। जौहरी ने बताया कि टेंडर अवार्ड होने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्यतिरादित्य सिंधिया ने रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट स्टाइल में बनाए जाने पर जोर दिया। जिसके चलते बहुत सारी बिल्डिंग्स जैसे कंसम प्लाजा,एमसीओ, जीआरपी- आरपीएफ थाना डिप्टी सीई ऑफिस, आरओडब्लू, पीडब्ल्यूआईके, सीएचआई आदि को तोड़ने और शिफ्ट करने का कार्य बढ़ गया‌। साथ ही पैसेंजर की सेफ्टी को ध्यान में रखकर काम को स्लो चलना पड़ता है जिसमें बहुत समय खराब हुआ। इसलिए इसे ठेकेदार की गलती नहीं मानी, लिहाजा केपीसी पर मात्र 5 लाख की माइनर पेनल्टी इस बात पर लगाई गई कि प्लेटफार्म 4 से 6 पर यात्रियों को जाने के लिए फुट ओवर बनाने में विलंब हुआ। जबकि डिप्टी सीई यादव का अधिकृत असिस्टेंट खान ने ठेकेदार कंपनी पर डिले पेनल्टी प्रति माह 20 लाख से अधिक लगना बताया।
जौहरी ने यह भी कहा कि यदि रेलवे का कमर्शियल विभाग से ट्रैफिक ब्लॉकिंग अधिक से अधिक मिले तो काम जल्दी हो सकता है। इस क्रम में डिप्टी सीई ऑफिस से पिछले माह डीआरएम ऑफिस के लिए प्लेटफार्म क्र-1 को ट्रेन एवं पैसेंजर मूमेंट के लिए बंद करने हेतु पत्र भेजा गया है जिस पर अभी तक कोई रिप्लाई नहीं मिला है।

निर्माण कार्य के प्रारंभ होने से पहले ही इसके विकास की भव्यता का पूरा खाका तैयार होने के बावजूद विभाग द्वारा ठेकेदार कंपनी की इस कदर एक तरफा वकालत करना बड़ा सवाल पैदा करता है !