
बिहार में जातियों की गिनती से निकला जिन्न, किसे फायदा-किसे घाटा?
संसद के विशेष सत्र में जब 22 सितंबर को राजद (RJD) सदस्य मनोज झा ने ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़ते हुए कहा था कि अपने अंदर के ठाकुर को मारो. तब एक नजर में यह सामान्य कविता लगी थी कि खेत ठाकुर का. किंतु उसी के बाद बिहार में ठाकुरों (राजपूतों) के अंदर उबाल…