ग्वालियर स्टेशन रिटायरिंग रूम मामला: कल की खबर का बड़ा असर — रेलवे अधिकारी हरकत में
ग्वालियर 25 दिसंबर 2025। युगक्रांति द्वारा कल प्रकाशित खबर “ग्वालियर स्टेशन के विश्रामालय में अव्यवस्थाओं का अंबार, पुनर्विकास की पोल खुली” का रेलवे प्रशासन पर तेज़ और नकारात्मक असर पड़ा है। खबर में न सिर्फ यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना बताते हुए रिटायरिंग रूम की बदहाली उजागर की गई थी बल्कि इसके पीछे निर्माण में लापरवाही, घटिया गुणवत्ता का सोलर गीजर और स्पष्ट जवाबदेही की कमी को भी उठाया गया था।
कल की खबर के मुख्य बिंदुओं में: *करोड़ों की लागत से बने रिटायरिंग रूम में अव्यवस्था और गंदगी के कारण यात्रियों को परेशानी। *रूम का एकमात्र प्रवेश मार्ग रेलवे डाक पार्सलों से भरा रहने के कारण यात्री कठिनाई से अंदर जा पा रहे हैं।
* घटिया क्वालिटी वाला गीजर सर्दी के मौसम में अक्सर ठंडा पानी दे रहा है और कुछ समय पहले ही खराब भी हो चुका है।
* रेलवे के सीनियर डीसीएम और डिप्टी चीफ इंजीनियर ने इस मुद्दे पर चुप्पी बनाई थी और यात्रियों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया था। इत्यादि का खुलासा किया गया।
खबर पर संज्ञान-अधिकारी सक्रिय, समस्या का निराकरण जारी
कल की रिपोर्ट का रेलवे प्रशासन ने शीघ्र संज्ञान लिया और स्थिति की तत्काल समीक्षा करते हुए मंडल एवं जोन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कल की खबर पर प्रतिक्रिया में
संबंधित अधिकारियों को लापरवाही के लिए सख्त फटकार लगाई। जिस पर तत्काल एक्शन लेते हुए डिप्टी चीफ इंजीनियर ने मौके पर निरीक्षण कर कार्य आदेश जारी किया।
तकनीकी/ वर्किंग टीमों द्वारा प्राथमिक कार्रवाई..

एक तकनीकी टीम गीजर की खराबी की जांच में लगातार जुटी हुई है ताकि तुरंत मरम्मत या बदलने का काम किया जा सके। वहीं दूसरी टीम रिटायरिंग रूम के प्रवेश द्वार और समग्र व्यवस्था सुधारने के क्रम सेपरेट द्वार बनाने में लगी है ताकि यात्रियों की आवाजाही आसान हो सके।
हाल की स्थिति में गीजर की समस्या आज शाम तक भी पूर्णरूप से हल नहीं हो पाई है, लेकिन मरम्मत कार्य जारी है।
अधिकारियों का कहना है कि अस्थायी समाधान जल्द दिया जाएगा, उसके बाद स्थायी सुधार की योजना बनेगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि थर्ड क्लास क्वालिटी के गीजर की टीम- टाम करके खाना पूर्ति की जाती है अथवा स्थाई समाधान होता है ?
Railway अधिकारियों की एक्सप्रेस लाइन कार्रवाई और मानक समीक्षा अब सार्वजनिक निगरानी में है।
इस खबर पर हुआ असर..
ग्वालियर स्टेशन के विश्रामालय में अव्यवस्थाओं का अंबार, पुनर्विकास की पोल खुली
