भोपाल 25 दिसंबर 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मध्य प्रदेश दौरे के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल की दो अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस ने सियासी तापमान बढ़ा दिया।
कांग्रेस ने एक ओर प्रदेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त बताया तो दूसरी ओर ग्रामीण विकास के नाम पर मोहन सरकार को विफल करार दिया। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे “तथ्यों से परे और हताश विपक्ष की बयानबाज़ी” बताया।
कानून व्यवस्था पर सवाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश भय और असुरक्षा के माहौल में जी रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर गृह विभाग न संभाल पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में 20 हजार से अधिक पुलिस पद खाली हैं, महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ अपराधों में राज्य शीर्ष पर है और हजारों बेटियां लापता हैं। पटवारी ने मंदसौर के मल्हारगढ़ थाने के मामले का जिक्र करते हुए पुलिस रेटिंग प्रणाली पर भी सवाल उठाए।
ग्रामीण विकास पर सरकार को घेरा
वहीं, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने ग्रामीण विकास की योजनाओं को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने मनरेगा, आजीविका मिशन, संबल योजना और स्वच्छ भारत मिशन में भुगतान न होने, भ्रष्टाचार और योजनाओं के ठप होने के आरोप लगाए। पटेल ने दावा किया कि पंचायतों और ग्राम सभाओं को कमजोर किया गया है और 2024–25 में पंचायत विभाग की कई योजनाओं में एक रुपये का भी खर्च नहीं हुआ।
भाजपा की प्रतिक्रिया..
दोनों प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भाजपा की ओर से पलटवार किया गया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के आरोप “आंकड़ों की तोड़-मरोड़” हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है, पुलिस बल की भर्ती प्रक्रिया जारी है और ग्रामीण विकास योजनाओं में पारदर्शिता के साथ काम हो रहा है। भाजपा ने यह भी कहा कि कांग्रेस सत्ता से बाहर होने की हताशा में बार-बार नकारात्मक राजनीति कर रही है, जबकि राज्य सरकार जमीनी स्तर पर विकास और सुरक्षा को मजबूत कर रही है।

कुल मिलाकर, कांग्रेस के तीखे हमलों और भाजपा के खंडन के बीच प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है, जिससे आने वाले दिनों में सियासी घमासान और बढ़ने के संकेत हैं।
