आदिवासी होने की कीमत चुका रहा हूं: एजीम डोंगरे
ग्वालियर 15 अगस्त 2025। आमतौर पर कुर्सी की लड़ाई राजनीतिक गालियारो में देखी जाती है लेकिन मध्य प्रदेश के भवन विकास निगम में ग्वालियर कार्यालय में सहायक महाप्रबंधक सतीश डॉगरे जमीन पर चटाई बिछा कर काम कर रहे हैं।
इनके पास एक साल से न तो कमरा है और ना ही बैठने की जगह, इसके बारे में जब उप महाप्रबंधक अच्छे लाल अहिरवार से बात की गई तो उन्होंने कहा की डिमांड भेजी गई है इसमें मैं क्या कर सकता हूं। इससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि अगर जमीन पर बैठकर अधिकारी काम करेंगे तो काम में गुणवत्ता और अधिकारी का आत्म बल कितना काम करेगा यह तो जाहिर सी बात है। सतीश डॉगरे का आरोप है कि वह एक वर्ग विशेष आदिवासी समाज से आते हैं उन्हें उनके अधिकारियों द्वारा बराबर प्रताडित किया जाता है। डोंगरेेने बताया कि मुझसे कहा गया कि आप अपनी कुर्सी -टेबल खुद लेकर आये। लेकिन वह आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहते हैं कि यह न तो मेरा निजी काम नहीं है और न ही मेरे पास इतने पैसे है कि मैं कुर्सी टेबल खुद लेकर आऊं।
जबकि भवन विकास निगम के चीफ जनरल मनेजर राजकुमार त्रिपाठी का कहना है कि डोंगरे झूठ बोलता है किसी भी तरह का कोई भेदभाव पूर्ण वातावरण नहीं है। जब ग्वालियर कार्यालय के उप महाप्रबंधक अच्छेलाल विधिवत ऑफिस में कुर्सी टेबल पर बैठकर अपना काम कर रहे है तो इसके साथ ऐसा क्यों किया जाएगा। मीडिया को बुलाकर झठे आरोप प्रत्यारोप लगाना मानव इसका स्वभाव बन गया है।