आमजन को राहत और लक्ज़री पर सख्ती, 22 दिसंबर से नई दरें लागू..
नई दिल्ली 3 सितंबर 2025। कर प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब तक की जटिल चार-स्लैब व्यवस्था की जगह केवल दो प्रमुख स्लैब- 5% और 18% रहेंगे। इससे रोज़मर्रा की ज़रूरत की वस्तुएँ सस्ती होंगी और उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिलेगी।
हालांकि, सरकार ने संतुलन साधते हुए लक्ज़री सामान और ‘सिन प्रोडक्ट्स’ (जैसे तंबाकू व सिगरेट) पर टैक्स दर बढ़ाकर 40% तक कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल अतिरिक्त राजस्व जुटाने में मदद करेगा, बल्कि समाजहित में हानिकारक वस्तुओं की खपत पर भी अंकुश लगाएगा।
आंकड़ों के अनुसार, इस सुधार से करीब 93,000 करोड़ रुपए तक का राजस्व घट सकता है, परंतु लक्ज़री और ‘सिन’ उत्पादों पर बढ़ी दर से लगभग 45,000 करोड़ रुपए की भरपाई होने की उम्मीद है।
बैठक में लिए गए अन्य महत्वपूर्ण फैसले
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर कर छूट अथवा दर घटाने का प्रस्ताव, जिससे आम नागरिकों को राहत मिल सकती है।
रिफंड प्रक्रिया तेज़ करने का वादा, खासकर टेक्सटाइल, फार्मा और उर्वरक उद्योगों में लंबित दावों को 7 दिनों में निपटाने का लक्ष्य।
एमएसएमई पंजीकरण आसान किया गया, अब केवल 3 दिनों में प्रक्रिया पूरी होगी।
सरकार ने इसे ‘‘जीएसटी 2.0’’ नाम दिया है, जिसका मकसद कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और उपभोक्ता-हितैषी बनाना बताया गया है।