hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişcasibomcasibom girişjojobetjojobet girişpusulabetpusulabet girişholiganbetholiganbet girişpusulabetpusulabet girişpusulabet güncel giriş

शिक्षा की सार्थकता तभी जब वंचित और गरीब लोगों को साथ लेकर चलेंगे – राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री पटेल की अध्यक्षता में जीवाजी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित

विद्यार्थियों के लिये पुस्तकीय ज्ञान के बाद अब जीवन के ज्ञान का आरंभ है – श्री भटनागर

89 विद्यार्थियों को पीएचडी, 43 विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल एवं 132 विद्यार्थियों को मिली स्नातकोत्तर उपाधि

ग्वालियर 22 सितम्बर 2025/ राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि शिक्षा केवल कौशल और विशेषज्ञता तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। शिक्षा की सार्थकता तभी है जब विद्यार्थी अपने जीवन पथ पर वंचित और गरीब व्यक्तियों को साथ लेकर चलेंगे। स्वस्थ व सभ्य समाज वही होता है, जिसमें पिछड़े लोगों के प्रति समानुभूति व संवेदनशीलता हो। राज्यपाल श्री पटेल जीवाजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपाधि प्राप्त सभी विद्यार्थियों, पालकों व गुरुजनों को बधाई व शुभकामनायें दीं।
राज्यपाल श्री पटेल की अध्यक्षता एवं विद्या भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष श्री अवनीश भटनागर के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुए दीक्षांत समारोह में 89 विद्यार्थियों को पीएचडी, 43 विद्यार्थियों को 61 गोल्ड मैडल एवं 132 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान की गईं।


सोमवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित हुए दीक्षांत समारोह में मौजूद उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि दीक्षांत केवल उपाधि प्राप्त करने का दिन नहीं है, यह जीवन के नए अध्याय का शुभारंभ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विद्यार्थी सफलता की ऊँचाईयों पर भी अपने पालकों व गुरुजनों के सहयोग को भूलेंगे नहीं और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे। साथ ही संस्कारित और विकसित राष्ट्र के निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने विद्यार्थियों को सीख दी कि जीवन में अधिक धन आने पर अभिमान मत करना और कठिनाई आने पर निराश मत होना।
राज्यपाल श्री पटेल ने जीवाजी विश्वविद्यालय को नैक से A++ ग्रेड एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से श्रेणी-1 मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही कहा खुशी की बात है कि विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक व प्रशासनिक उन्नयन के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ 4 एमओयू किए हैं। अति पिछड़ी जनजातियों के सहयोग के लिये विश्वविद्यालय द्वारा की गई “ट्रायबल चेयर” की स्थापना एवं पाँच जनजातीय गाँवों को गोद लेकर सिकल सेल स्वास्थ्य जाँच शिविर, औषधि वितरण और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने की पहल भी सराहनीय है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन से कहा कि विद्यार्थियों को साथ लेकर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने और सायबर अपराधों के खिलाफ जनजागरूकता लाने की पहल भी विश्वविद्यालय को करना चाहिए।
विद्या भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष एवं समारोह के मुख्य अतिथि श्री अवनीश भटनागर ने दीक्षांत भाषण दिया। उन्होंने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सबने अब तक जो सीख लिया है वह अंतिम नहीं है। पुस्तकीय ज्ञान के बाद अब जीवन का ज्ञान प्राप्त करने का आरंभ है। आज जो उपाधियां मिली हैं, उन्हें वास्तविक रूप से आप सबको प्रमाणित करना है। श्री भटनागर ने कहा कि अब तक आप सबको समाज, देश व प्रकृति ने सब कुछ दिया है, अब देने की बारी आपकी है। बिना अहंकार एवं श्रद्धाभाव के साथ राष्ट्र निर्माण में आपको योगदान देना है।
मुख्य अतिथि श्री भटनागर ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम आज़ाद द्वारा कही गईं बातों का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों का आह्वान किया कि आप सबको उन तकनीकों के लिये भी काम करना है, जिनका अब तक आविष्कार नहीं हुआ है। साथ ही उन चुनौतियों के समाधान के लिये भी तैयार होना है जो भविष्य में आ सकती हैं। जॉब मार्केट में टिके रहने के लिये आप सबको सक्षम बनना होगा। श्री भटनागर ने विद्यार्थियों से यह भी कहा कि वे भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप विश्व के कल्याण, राष्ट्र की प्रगति व स्वयं के व्यक्तित्व निर्माण के लिये संकल्पबद्ध होकर जीवन पथ पर आगे बढ़ें।
जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. राजकुमार आचार्य ने स्वागत उदबोधन व दीक्षोपदेश दिया। साथ ही उपाधि प्राप्त सभी विद्यार्थियों को प्रतिज्ञा दिलाई। समारोह का संचालन कुलसचिव श्री राकेश कुशवाह ने किया। शोभा यात्रा के साथ सभी अतिथि मंच पर आसीन हुए।
आरंभ में राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल तथा मुख्य अतिथि श्री अवनीश भटनागर ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया। समारोह के आरंभ और समापन अवसर पर राष्ट्रगान भी हुआ। कार्यक्रम में राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलगुरू प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे व राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी, विश्वविद्यालय के गुरुजन, विद्यार्थी व उनके अभिभावक एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
दीक्षांत समारोह