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लघु उद्योग निगम द्वारा महाराजपुर औद्योगिक क्षेत्र में कराया जा रहा है घटिया निर्माण

कार्य में गुणवत्ता से ज्यादा जरूरी है कमीशनखोरी..

ग्वालियर 9 अक्टूबर 2025। संविदा कर्मियों के हवाले म प्र लघु उद्योग निगम की जर्जर अधोसंरचना के चलते भले ही अन्य विभागों की तुलना में निर्माण संबंधी परियोजनाओं की कमी है मगर रही बची संरचनाओं का बंटाधार कर अपना संविदा पेटा भरने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ी जाती। इस क्रम में महाराजपुर औद्योगिक क्षेत्र ग्वालियर का मामला सामने आया है ।

तकरीबन 8 करोड़ की लागत से औद्योगिक क्षेत्र महाराजपुरा में ओजो एसोसिएट के द्वारा नाला निर्माण का कार्य किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो यह कार्य अच्छी दरों पर स्वीकृत हुआ है मगर फिर भी निगम के अधिकारियों की शय पर घटिया पदार्थ के साथ बोकस निर्माण किया जा रहा है। टेंडर की शर्त अनुसार नाला निर्माण में दोनों साइडों से बनाई जाने वाली पीसीसी रिटैनिंग वॉल की ढलाई में (लंबाई में आड़े) जमीन केमहाराजपुर नाला निर्माण समानांतर 8 मिमी के 6 सरिया लगाया जाना ऐस्टीमेटेड है लेकिन इसके विपरीत 8 मिमी के सिर्फ 2 सरिया से काम चलाया जा रहा है और मांप पुस्तिका (MB) में 7 सरिया चढ़वा कर भुगतान कराना बताया जा रहा है। साथ ही ढलाई में 20 एमएम के बजाय 6/10 एमएम की गिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है और रेता की बजाय (ब्लैक स्टोन डस्ट) खाका से ढलाई की जा रही है। साइट पर एम-सेंट एवं थोड़ा सा रेता सिर्फ आंखों में धूल झोंकने के लिए डाल रखा है।

स्थानीय लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया के साथ-साथ विभाग में शिकायत करना चाही तो उन्हें बेहला- फुसला अथवा डपट कर अनदेखा कर दिया गया। इस बात पर जीएम अनिल गंगरेडे के तो कान पर जूं तक नहीं रैंगती है। युगक्रांति प्रतिनिधि द्वारा महाप्रबंधक गंग्रेडे से इस पर सवाल किये जाने पर उनके द्वारा गोल-गोल अपुष्ट जवाब दिया गया।

एलयूएन के अंदरूनी सूत्रों की माने तो नवंबर 2024 में संविदा पर नियुक्त हुए महाप्रबंधक द्वारा कई बार यह कहते तक सुना गया है कि इस पद पर अपनी संविदा नियुक्ति के लिए पूर्व एमडी पर किए गए इन्वेस्टमेंट को रिकवर करना हमारी मजबूरी और जरूरी है। उनके इस वक्तव्य से यद्यपि यह साफ जाहिर नहीं है कि वे सिर्फ अपनी बात कर रहे थे अथवा समस्त संबंधित संविदा कर्मियों की मगर यह स्पष्ट है कि 1 साल के लिए संविदा पर नियुक्त हुए निगम के तमाम अधिकारीगण कार्य की गुणवत्ता से कहीं अधिक अपने निजी लाभ की चिंता करते हैं।

नाला निर्माण

अगले एपिसोड में जीएम की संविदा नियुक्ति की कहानी..