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अरेरा कॉलोनी में सोम ग्रुप की अवैध शराब दुकान को लेकर सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने की कठोर टिप्पणी

आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने आबकारी विभाग को लताड़ा,बताया हिंदू धर्म की दुर्दशा का जिम्मेदार

सरकार स्पष्ट करे क्या प्रदेश में हिंदुओं के पवित्र मंदिरों को रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है ? जो मंदिर रजिस्ट्रेशन नहीं करवायेगा क्या वो अवैध है ? – विवेक त्रिपाठी

भोपाल 12 अक्टूबर 2025। प्रदेश की राजधानी भोपाल में आबकारी विभाग की सांठगांठ से सोम ग्रुप द्वारा अरेरा कॉलोनी के आवासीय भूखंड पर अवैध शराब की दुकान संचालित की जा रही है, जिसकी शिकायत रहवासियों द्वारा विगत 7 माह से शासन प्रशासन के हर स्तर पर की जा चुकी है लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई ।

शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया की हम ने लगातार शिकायतों में बताया की जिस जगह दुकान खोली गई है वो रहवासी भूखंड है जिसको नगर निगम भोपाल ने आवासीय अनुमति दी है,दुकान की दीवार से लगा बच्चों का अस्पताल है जिसमे बच्चों और महिलाओं का आवागमन होता है,शराब की दुकान से 50 मीटर से भी कम दूर आर्य समाज का मंदिर है जिसमे बड़े बुजुर्गों की उपस्थित में निरंतर धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।
आलम ये है कि शहर की पॉश कॉलोनियों में शामिल अरेरा कॉलोनी में सुबह से शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है और स्कूल से आती जाती छात्राए और संभ्रात परिवार की महिलाएं इनकी छेड़छाड़ का शिकार होती हैं परंतु सामाजिक प्रतिष्ठा से खिलवाड़ ना हो इसलिए शिकायत करने में संकोच करती है,परंतु कॉलोनी के रहवासी इस गंभीर विषय पर लगातार अपनी अप्पति दर्ज करवा रहे है,तब भी जिला प्रशासन ने कोई कार्यवाही नही की ।

जिसके बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के समक्ष शिकायत की गई मामले की गम्भीरता को देखते हुए आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे परंतु शराब माफियाओ से उपकृत आबकारी विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पूरे मामले को हर संभव दबाने का प्रयास किया इसके लिए उन्होंने सभी शिकायतों को अनसुना किया आयोग को असत्य,अपूर्ण और भ्रमित करने वाला जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसको संज्ञान में लेकर आयोग के सदस्य प्रियांक क़ानूनगों ने कड़ी टिप्पणी करते हुए जिला प्रशासन को आड़े हाथों लिया कानूनगो ने लिखा महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने हिंदुओं में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने व हिंदुओं के अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी।तथा जातिभेद के बगैर सभी हिंदुओं के वैदिक संस्कार आयोजित किए जाने हेतु देश भर में आर्य समाज मंदिरों की स्थापना की थी। भोपाल में अरेरा कॉलोनी क्षैत्र में आर्य समाज मंदिर के समीप एक शराब दुकान संचालित किए जाने की शिकायत पर मैंने जांच हेतु नोटिस जारी किया था जिसके जवाब में सरकारी बाबुओं ने पूरी बेशर्मी के साथ लिखा है कि उनके नियम के अनुसार आर्य समाज मंदिर को मंदिर नहीं माना जा सकता है इसलिए शराब दुकान यथावत रहेगी।कदाचित यह सरकारी बाबू ही वो पतित हिंदू हैं जो हिंदुओं की दुर्दशा के लिए उत्तरदायी हैं ।हिंदुओं को अब आर्य समाज मंदिर को सरकारी मान्यता दिलवाने के लिए कार्य करना होगा ?

शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी पूरे प्रदेश में वैदिक घड़ी लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है दूसरी और प्रदेश का आबकारी विभाग वैदिक शिक्षा के केंद्र आर्य समाज मंदिर को मंदिर ही नहीं मान रहा है।कितना दुखद है की एक अवैध शराब दुकान को बचाने के लिए हिंदू धर्म की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े किए जा रहे है।मुख्यमंत्री जी संज्ञान लेकर स्पष्ट करे की प्रदेश में जो मंदिर आबकारी विभाग में रजिस्टर नहीं है क्या वो अवैध है ? रहवासियों में सरकार की लापरवाही को ले कर रोष व्याप्त है जल्द ही शराब दुकान के सामने धरने पर बैठेगे

शराब की दुकान पर आयोग की टिप्पणी