नई दिल्ली- अंतर्राष्ट्रीय पोर्टल। साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता तनाव एक बार फिर वैश्विक शांति के लिए चिंता का मुद्दा बन गया है।
ताज़ा घटनाक्रम में दोनों देशों ने इस सामरिक क्षेत्र में अपने युद्धपोत और निगरानी जहाज़ों की तैनाती बढ़ा दी है। चीन ने अमेरिका पर “क्षेत्रीय हस्तक्षेप” का आरोप लगाया है, जबकि अमेरिका का कहना है कि उसका अभियान “इंडो-पैसिफिक में स्वतंत्र आवाजाही” बनाए रखने के लिए है।
इस बढ़ती सैन्य हलचल से वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस जैसे कई दक्षिण–पूर्वी एशियाई देशों की चिंताएँ भी बढ़ी हैं।
भारत भी स्थिति पर करीबी नज़र रख रहा है क्योंकि यह इलाका वैश्विक व्यापार और ऊर्जा सप्लाई चेन के लिए सबसे संवेदनशील मार्ग है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों देशों की बयानबाजी और सैन्य हलचल ऐसे ही बढ़ती रही, तो यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तक पहुँच सकता है। इसके आर्थिक प्रभाव भी गहरे हो सकते हैं, खासकर तेल कीमतों पर।
