पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन की कई इमारतें संविदा कर्मियों के हवाले

भिंड जिले में संविदा पर नियुक्त सब इंजीनियर्स कर रहे हैं निर्माणाधीन कनावर, अमायन, अटेर एवं बरोही की बिल्डिंगों की चैकिंग..

भिंड 3 अप्रैल 2024। म.प्र. पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लि. विगत कई दिनों से सुर्खियों में छाया हुआ है। ज्ञात हो कि अभी हाल में युग क्रांति टीम ने गोहद में बन रहे सीम राइस स्कूल के निर्माण में भारी गड़बड़ी का मामला उजागर किया था जिस पर पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के अध्यक्ष कैलाश मकवाना ने तत्काल प्रभाव से एक्शन लेते हुए जांच के आदेश किए हैं। इस जांच की खाना पूर्ति करने प्रभारी मुख्य परियोजना यंत्री/अधीक्षण यंत्री 4 या 5 अप्रैल को मौके पर गोदद पहुंच रहे हैं।
इसी क्रम में एक नया मामला सामने आया है। यह मामला है पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेश ग्वालियर -2 (भिंड) के प्रभारी परियोजना यंत्री जेपी सोने का।
ज्ञात हो के जेपी सोना तकरीबन 4 साल पहले गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त हुए थे जिसमें पैर में गंभीर चोट आने की वजह से लंबे समय तक वे पूर्ण रूप से बेड रेस्ट पर रहे और अभी भी वॉकर लेकर मुश्किल से चल फिर पाते हैं। ऐसी स्थिति में कभी भी छुट्टी पर ना रहते हुए दो-दो चार्ज को संभालना अपने आप में हैरत की बात और बहुत बड़ा सवाल है।

10 परसेंट परियोजना यंत्री और 100% सहायक यंत्री पर होता है चेकिंग का जिम्मा..
कॉर्पोरेशन में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के चलते शारीरिक अक्षमता (अस्थाई अपंगता) के बावजूद इंजीनियर  जे पी सोना भिंड जिला के प्रभारी परियोजना यंत्री के साथ-साथ लंबे समय से सहायक यंत्री का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाले हुए हैं। इनकी दोहरी भूमिका में अमायन और कनावर में 30- 30 करोड़ की लागत के सीएम राइस स्कूल तथा अटेर एवं बरोही में थाना बिल्डिंग के निर्माण किये जा रहें है। अमायन में संविदा पर नियुक्त सब इंजीनियर निर्भय पाल के साथ आउटसोर्सिंग पटेल, कनावर में संविदा सब इंजीनियर जितेंद्र गुर्जर, बरोही में संविदा सब इंजीनियर संतोष मिश्रा एवं अटेर में संविदा सब इंजीनियर सौरभ शाक्य के कंधों पर ही पूरे निर्माण कार्य की देखरेख, परीक्षण एवं चेकिंग का जिम्मा है। क्योंकि इन साइटों पर बतौर परियोजना यंत्री एवं सहायक यंत्री की दोहरी जिम्मेदारी के साथ वॉकर से चलने वाला व्यक्ति जेपी सोना द्वारा बहुमंजिला इमारतों की चेकिंग करना नामुमकिन है। इस तरह यहां संविदा सब इंजीनियरों द्वारा ही निर्माण कार्य की देखरेख में ठेकेदार के साथ मिलीभगत में खानापूर्ति की जा रही है।

पूर्व एम डी की अभीष्ट अनुकंपा से क्रतार्थ सोना
विश्वस्त सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी अनुसार जेपी सोना मप्र पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लि. के तत्कालीन प्रबंध संचालक संजय माने के अत्यंत चहते रहे हैं इसी के चलते  नियमों की धज्जियां उड़ते ये मनमाने पदों पर जबरिया काबिज हैं।
बिना प्रॉपर निरीक्षण और चेकिंग के इन बिल्डिंग का बनाना अत्यंत गंभीर मामला है‌ यह अपने आप में बहुत बड़ी जांच का विषय है। अब देखना यह होगा कि कारपोरेशन के वर्तमान अध्यक्ष और प्रबंध संचालक इस पूरे मामले को कैसे देखते हैं?