सेंट्रल जेल में जेल प्रबंधन के बड़े भ्रष्टाचार का खेल, बंदी ने अवैध वसूली के लगाए गंभीर आरोप

जेल में बंद रहे आरोपी ने वीडियो बनाकर किया जारी

प्रशासनिक जेलर एवं जेल उप अधीक्षक ए एस नरवरिया और जेल प्रहरी रोहित शर्मा पर गंभीर आरोप, नरवरिया के इशारे पर अवैध उगाई का लगाया आरोप

ग्वालियर 5 अप्रैल 2024। यह मामला है ग्वालियर की केंद्रीय जेल का जहां ग्वालियर के जलालपुर निवासी मलखान लोधी ने वीडियो बना कर जारी किया है जिसमें जेल को अंधेर नगरी बनाने वाले चौपट राजाओं (अधिकारियों) का खुलासा किया है।

जेल के अंदर अंडर ट्रायल मुजरिमों से जबरन काम कराया जाता है,यदि काम से बचना है तो 10 हजार से 1लाख तक की रकम चुकानी होती है। कानूनन सजायाफ्ता कैदियों से ही काम लिया जाना चाहिए अंडर ट्रायल कैदियों से नही । किसी मामले में 8 दिन जेल से 20 जनवरी को रिहा हुए मलखान लोधी ने आरोप लगाते हुए वीडियो जारी कया।

मलखान लोधी ने अपने वीडियो में जेल के अंदर अवैध मादक पदार्थ की जारी की रेट लिस्ट

-600रुपये में बीड़ी पैकेट
-450 रुपये की तम्बाकू
-250 रुपये का गुटखा
-500 रुपये सिगरेट की डिब्बी

प्रशासनिक जेलर नरवरिया और जेल प्रहरी रोहित शर्मा मिलकर यह अवैध वसूली का रैकेट चला रहे हैं।मामले की शिकायत DG /IG साहब तक है लेकिन कोई एक्शन नही होता है। प्रशासनिक जेलर एवं जेल उप अधीक्षक ए एस नरवरिया और जेल प्रहरी रोहित शर्मा ने जेल के अंदर अंधेर नगरी का माहौल बनाते हुए व्यवस्थाओं को चौपट कर रखा है। अमीर लोगों से 5 लाख तक की वसूली की जाती है वरना उसे पर पट्टे मार कर पिटाई की जाती है। साथ मलखान लोधी ने तीन अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि जेल में सिर्फ तीन ईमानदार अधिकारी है जिनमे विपिन दंडोतिया, नीरज यादव डिप्टी जेलर और जेल अधीक्षक विदित सिरवैया।

रिश्वत देकर जेल में परिजनों की होती है मिलाई..

सेंट्रल जेल में बंद लोगों से मुलाकात करना आम लोगों के लिए बेहद दुष्कर होता जा रहा है। यहां बिना पैसों के लेनदेन के लोग अपने परिजनों से मुलाकात नहीं कर सकते हैं ।जो व्यक्ति पैसे जेल प्रहरियों को दे देता है वह अपने परिजनों से जल्द ही मुलाकात कर लेता है अन्यथा अन्य लोगों की तरह सुबह से शाम तक यहां धक्के खाते रहते हैं। इसका ताजा उदाहरण अपने परिजन से मिलने गए एक युवक ने पेश किया है ।इस युवक के परिजन जेल में बंद हैं। उसका कहना था कि यहां बिना पैसे लिए कोई भी काम नहीं होता है ।उसमें बाकायदा अपने मोबाइल से रिश्वत का देने का वीडियो भी बनवाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो के वायरल होते ही अधिकारियों के कान खड़े हुए और जेल प्रबंधन ने इस जेल प्रहरी सत्येंद्र हर्षाना को आनन-फानन में सस्पेंड कर दिया है उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और यदि जेल कर्मी पर रिश्वत लेने का आरोप सही पाया जाता है तो आरक्षक के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा । इस जेल आरक्षक का वीडियो वायरल हुआ है उसका नाम सत्येंद्र हर्षाना बताया गया है। वीडियो के वायरल होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है और जेल के अंदर लगातार छापेमारी का सिलसिला जारी है।