hacklink al
waterwipes ıslak mendilasetto corsa grafik paketijojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişpusulabetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişpusulabetjojobetjojobet girişbets10padişahbetpadişahbet girişjojobetjojobet girişholiganbetmatbetmatbet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetcasibomholiganbetholiganbet giriş

पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन बना मध्य प्रदेश का करप्शन हाउस

कारिंदों के शिकंजे में फंसे कारपोरेशन के अध्यक्ष मकवाना..?

अंधेर नगरी की जांच करेंगे चौपट राजा..

ग्वालियर 6 अप्रैल 2024। किसी माला के एक धागा को खींचने पर उसके सारे मोती एक-एक करके बिखर जाते हैं ठीक उसी तरह युग क्रांति टीम द्वारा घटिया मटेरियल से बन रहे गोहद के सीएम राइज स्कूल का मौके पर पहुंचकर ऑपरेशन करते ही मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन की भ्रष्टता की कंठी के काले और कुत्सित तथाकथित नगीने निकल निकल कर सामने आने लगे हैं।
30 मार्च को गोहद सीएम राइज स्कूल ऑपरेशन के तत्काल बाद पुलिस हाउस कारपोरेशन के अध्यक्ष कैलाश मकवाना ने तेजी दिखाते हुए तत्काल जांच के निर्देश देकर उन्होंने अपनी वास्तविक छवि का परिचय दिया साथ ही जांच अधिकारी के रूप में कॉरपोरेशन के प्रभारी मुख्य परियोजना यंत्री के बनाते ही उन्होंने स्वयं अपने सामग्र व्यक्तित्व पर ग्रहण सा लगा दिया है।

काली करतूतों के लिए कुख्यात है जेपी पस्तोर..

विगत कई वर्षों से पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में काले कारनामों की सुर्खियां बटोरते हुए परत दर परत अधिकांश घोटालों /मामलों में जेपी पस्तोर की कहीं ना कहीं अहम् किरदारी रही है। जिनकी बड़े पैमाने पर तत्कालीन मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव तक शिकायतें की जा चुकी है जिनकी जांच लंबित है।

बिगत 10 वर्षों के कारनामों में मुख्य रूप से बालाघाट जिले में 36वीं बटालियन के 240 आवास गृह में ग्राउंड लेबल 2 मीटर नीचे किये जाने के कारण 14 करोड़ की लागत के 56 आवास गृह डूब में आ गये और व्यय निष्फल हो गया। साथ ही मुख्य परियोजना यंत्री जेपी पस्तोर इसमें लीपापोती कर जानकारी छिपाने और दबाने में लगे हुए हैं। वर्ष 2014-15 में हुडको द्वारा वित्तपोषित कंपू ग्वालियर में 38 करोड़ के निर्माण के विरुद्ध बिना प्रशासनिक स्वीकृति के 52 करोड़ खर्च कर 14 करोड़ की वित्तीय अनियमितता की लीपापोती की गई। इनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही के लिये तत्कालीन मंत्री गोपाल भार्गव, वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा सहित गौरीशंकर बिसेन और रामपाल सिंह के मांग के पत्र भी युग क्रांति के पास उपलब्ध हैं। अभी हाल ही में स्वदेश चैनल के अनुसार पस्तोर के खिलाफ लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू में भी जांच चल रही है। बात यहीं खत्म नहीं होती, इनके द्वारा या इनके क्षेत्राधिकार में या इनकी लिप्तता में अथवा इनकी जांच अधीन किये गये अन्य कार्यों को देखें तो उप महानिरीक्षक कार्यालय सागर की घटिया छत निर्माण पर तत्कालीन अध्यक्ष वीरेन्द्र मोहन कंवर ने इनके विरुद्ध जो जांच स्थापित की थी उसकी नस्तियां इनके द्वारा गायब करवाकर फर्जी पदोन्नति प्राप्त की गई। पश्तोर के जांच अधिकारी रहते हुए जबलपुर का फायर रेंज और रायसेन का मैग्जीन भवन के आरोपियों को बचाने के लिये इन्होंने उनको जमींदोज करवा दिया और व्यय निष्फल हो गया। जिसकी जवाबदेही आज दिनांक तक तय नहीं की गई है। इसी तरह सिवनी जिले के बरघाट ब्लाक में घटिया कांस्टेबल क्वार्टर निर्माण- जिनका दर्जनों बार इन्होंने दौरा किया, कभी कोई निरीक्षण टीप नहीं दी और करोड़ों के ध्वस्त हुए उन क्वार्टस्र की जिम्मेदारी भी आज तक किसी पर तय नहीं की गई।

इनके बारे में कहा जाता है कि ये शकायतों से शिकार करते हैं , फिर भी आखिरकार शासन की क्या मजबूरी है जो अधिकांश जांच इन्हीं से कराई जाती हैं। सीएम राइज स्कूल गोहद की जो जांच इन्हें सौंपी गई है उसकी आज मौके पर पहुंचकर जांच के नाम पर लीपापोती जेपी पस्कतोर कर रहे हैं। इस मामलेमें कॉरपोरेशन के अध्यक्ष मकवाना ने 5 दिन पहले जांच के निर्देश दिए। इन पांच दिनों में जांच अधिकारी पश्तोर की मिलीभगत से दोषियों द्वारा साइट पर से विवादास्पद मटेरियल हटाकर मौजूद साक्ष्यों को मिटाने की भरपूर कोशिश की गई है। आज इस मामले में जांच के बहाने कारपोरेशन के उप यंत्री पटेल, सहायक यंत्री बृजेश जाटव एवं परियोजना यंत्री जेपी सोना का शिकार होगा और परिणामस्वरूप जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हुए हरी झंडी दे दी जएगी।

इनके प्रभारी कार्यकाल में भ्रष्टाचार की अनवरत श्रंखला है। इस आधार पर यह कहना मुनासिब होगा कि प्रभारी मुख्य परियोजना यंत्री जेपी पस्तोर पुलिसहाउसिंग कारपोरेशन को करप्शन हाउस में तब्दीली के जनक है।