भाजपा ने पोलिंग एजेंट के भुगतान को प्रत्याशी के खर्च में शामिल नहीं करने का किया आग्रह
भोपाल, 06/05/2024। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपे एक ज्ञापन में पोलिंग एजेंट को भुगतान की जाने वाली राशि का जो निर्धारण लोकसभा चुनाव में प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स व जिला निर्वाचन अधिकारियों ने की है, उसे प्रत्याशी के खर्च में शामिल नहीं करने की मांग की।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में कहा है कि राजनैतिक दलों द्वारा प्रति पोलिंग 4 पोलिंग एजेंटों को नियुक्त करने का अनुरोध संबंधित अधिकारी से किया जाता है। जबकि भाजपा पोलिंग एजेंट के रूप में अपने कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने के लिए नाम अधिकारियों को सौंपती है। भाजपा कार्यकर्ता अपनी स्वेच्छा से पोलिंग एजेंट का कार्य करते हैं, पार्टी द्वारा उन्हें किसी भी प्रकार का मानदेय नहीं दिया जाता। वे अपने लिए खाना अपने घर से लाते हैं और स्वल्पाहार भी पार्टी द्वारा नहीं दिया जाता।
मध्यप्रदेश में 29 लोकसभा क्षेत्रों में 2200 से 2600 मतदान केन्द्र प्रति लोकसभा क्षेत्र हैं। अगर प्रशासन द्वारा 400 रूपए प्रति पोलिंग एजेंट भुगतान करने की जो निर्धारण किया है, उसके तहत 17 लाख 60 हजार से 20 लाख 80 हजार रूपए तक का व्यय प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा। क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए अधिकतम व्यय 95 लाख रूपए निर्धारित किया है। अगर पोलिंग एजेंटों को भुगतान करने के प्रावधान को विलोपित नहीं किया जाता तो व्यय पर्यवेक्षकों द्वारा इस मद की राशि को भाजपा प्रत्याशियों के व्यय मद में जोड़ दिया जाएगा और प्रत्याशियों का चुनाव खर्च बढ़ेगा।
अतः भाजपा भारत निर्वाचन आयोग से मांग करती है कि कलेक्टर्स द्वारा पोलिंग एजेंट के लिए निर्धारित चार्जेस को विलोपित किया जाए, ताकि प्रचार-प्रचार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।