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जन कल्याण की कामना को लेकर दोहरा हनुमान मंदिर पर बनाए  पार्थिव शिवलिंग

अंबाह। विश्व शांति जन कल्याण की कामना को लेकर दोहरा गांव के श्री प्राचीन हनुमान जी मंदिर पर ग्यारह हजार पार्थिव शिवलिंगो का निर्माण मंत्रोच्चारण के बीच विधि विधान पूर्वक किया गया। इस दौरान सभी भक्तों ने चंबल की पवित्र रज से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उनका पूजन कर विसर्जन किया।   शिवलिंग का महत्व बताते हुये उपाध्याय जी महाराज ने कहा कि सतयुग में मणिलिंग की मान्यता है, त्रेतायुग में स्वर्णिम लिंग तथा द्वापर युग में पादर लिंग की मान्यता है लेकिन कलियुग में तो महादेव मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग पूजन से ही प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान का नाम स्मरण करना उनके स्वरूप का साक्षात्कार कराता हैं। जब हम भगवान को जानने लगते हैं तो उन पर विश्वास भी बढऩे लगता है। उपाध्याय जी महाराज ने कहा कि धर्म शास्त्रों में  ज्ञान और भक्ति का महत्व लिखा होता है जिस पर प्राणी विश्वास कर भगवान के बताए मार्ग पर चलता है। हमें भी इसी मार्ग पर चलकर अच्छे कार्य कर प्रभु का भजन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सावन के माह में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करता है। इस मौके पर पौधरोपण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संत श्री गेंदादास जी महाराज, छत्रपाल सिंह तोमर, गोकुल सिंह तोमर, कुंअर सिंह तोमर, कान्हा, सुनील सिंह, बलवीर सिंह, रधुराज सिंह पवैया सहित अनेक लोग मौजूद थे।

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