बैठक लेकर नगर निगम एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए निर्देश
प्रदूषण नियंत्रण की कार्ययोजना पर बैठक में हुआ गहन विचार मंथन
ग्वालियर 16 अक्टूबर 2024/ ग्वालियर शहर में वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुख्ता रणनीति बनाने के उद्देश्य से बुधवार को कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई। बैठक में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत शहर में हवा की शुद्धता (एयर क्वालिटी इम्प्रूवमेंट) के लिए सौ दिवसीय कार्ययोजना बनाने और उस पर प्रभावी अमल करने के निर्देश दिए। शहर में वायु प्रदूषण से संबंधित चुनौतियों पर गहन विचार मंथन किया गया। साथ ही अभियान बतौर हवा की शुद्धता के लिए कारगर कदम उठाने पर जोर दिया गया।
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत बाल भवन में आयोजित हुई जिला स्तरीय समिति की इस बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री अमन वैष्णव, सिटी प्लानर श्री पवन सिंघल एवं पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड की अधिकारी सुश्री दीपाली पांडे उपस्थित रहीं।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बैठक में कहा कि दीपावली एवं अन्य त्यौहारों को ध्यान में रखकर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पुख्ता रणनीति बनाकर काम करें। उन्होंने कहा शहर के समीप ईंट भट्टे संचालित न हों, इसके लिये प्रभावी कार्रवाई की जाए। साथ ही शहर में चल रहे ऐसे वाहन जो अनफिट होने के बाबजूद पंजीकृत हैं और उन पर पॉल्यूशन संबंधी प्रमाण-पत्र नहीं हैं उनके संचालन को रोकें। उन्होंने शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में फसलों के अवशेष जलाने की प्रवृति पर अंकुश लगाने पर भी विशेष बल दिया। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने नगर निगम के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि शहर में चल रहे निर्माण कार्यों से धूल न उड़े, इसके लिए निर्माण कार्य स्थल को हरी नेट से ढकवाएं, जो ऐसा न करें उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
जिन होटल एवं ढाबों पर जलने वाली भट्टियों व चूल्हों से अत्यधिक धुंआ उड़ता है उनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। साथ ही कहा गया कि फॉगर मशीन द्वारा छिड़काव कर सड़कों की धूल को रोका जाए। कलेक्टर ने कहा यह भी सुनिश्चित करें कि शहर में कहीं भी कचरा न जलाया जाए। दीपावली पर्व पर आम लोगों को जागरूक करें कि ग्रीन पटाखों का ही प्रयोग करें। चाइनीज एवं प्रतिबंधित पटाखे जैसे बेरियम सॉल्ट, कॉपर ऑक्साइड एवं लिथियम का उपयोग से निर्मित पटाखे, तेज आवाज वाले पटाखे एवं लडी का उपयोग न करने के लिए शहरवासियों को जागरूक किया जाए।