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 म प्र परिवहन विभाग के तथाकथित सिंडिकेट का सदस्य लोकायुक्त की चपेट में

परिवहन चैक पोस्टों पर पोस्टिंग करने का ठेकेदार है सौरभ शर्मा..

क्या अगला नंबर आरटीआई तुमराम, किशोर सिंह बघेल और डीपी पटेल का होगा..! 

भोपाल 20 दिसंबर 2024। मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग पिछले कई वर्षों से तथाकथित 4- 5 सदस्यीय सिंडिकेट के चंगुल में है जिनके काले साम्राज्य की सत्ता इस कदर आज भी हावी है कि उनके समक्ष आयुक्त एवं अपर आयुक्त भी बेजुबान एवं मूक दर्शक बने हुए हैं मगर  इस सिंडिकेट का एक कारिंदा स्वेच्छिक सेवानिवृत परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा अंदरूनी सियासत के चलते आज लोकायुक्त के शिकंजे में आ फंसा।

लोकायुक्त टीम द्वारा पूर्व आरक्षक शर्मा के घर भोपाल में छापेमारी की गई, जिसमें करोड़ों रुपये कैश और भारी मात्रा में सोना-चांदी मिला। सूत्रों के मुताबिक 52 किलो सोना और 9.86 करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए। इस सोने की कीमत 40 करोड़ 47 लाख रुपये बताई जा रही है। ग्वालियर के रजिस्ट्रेशन नंबर वाली गाड़ी मेंडोरा के जंगलों में लावारिस मिली। इसके मालिक का नाम चेतन गौर जो ग्वालियर के दीनदयाल नगर का नवासी बताया जा रहा है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच पड़ताल जारी है जिसमें लोकायुक्त टीम विभिन्न एंगल एवं लिंकों की तलाश में जुटी हुई है।

युग क्रांति द्वार पिछले सनसनीखेज खुलासों  “दलालों और विभागीय नेताओं की भेंट चढ़ा मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग..,चंद ठेकेदारों (दलालों) की कठपुतली रहा मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग..” में सौरभ शर्मा सहित अन्य परिवहन माफियाओं के साम्राज्य का विस्तार से वर्णन किया गया। इसमें सौरभ शर्मा को पंडित जी,.. राम अर्थात तुम राम, बघेलखंडी ठाकुर साहब अर्थात किशोर सिंह बघेल से  संबोधित किया है।
युग क्रांति के परत- दर- परत खुलासों से साफ जाहिर है कि आरक्षक शर्मा के पास बरामद हुई बेशुमार संपत्ति सिंडिकेट के परिवहन विभाग पर शिकंजे की देन है। जिसके अंतर्गत विभिन्न चैक पोस्टों पर पोस्टिंग की कीमत चुकाकर उन पर अपने डमी कैंडिडेट्स पदस्थ कराकर अपनी शर्तों पर अंधाधुंध वसूली करवाना एवं इस कालेधन की अर्थव्यवस्था से अपना साम्राज्य स्थापित करना इनका ध्येय रहा, जिसका परिणाम सभी के सामने है।

सिंडिकेट के इस स्तंभ (सौरभ शर्मा) के यहां बरामद इस बेशुमार संपत्ति से किसी बड़ी शख्सियत का नाम जोड़ना अथवा तलाशना बेमानी होगी। हां युगक्रांति की इस खबर से जुड़ी पिछली परतें (खबरे) को खंगालने से न सिर्फ लोकायुक्त को अपनी जांच के दायरे को बढ़ाने में सहूलियत मिलेगी बल्कि सरकार को मिलने वाले कुबेर के खजाने में इजाफा होने के प्रबल आसार जरूर हैं।

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दलालों और विभागीय नेताओं की भेंट चढ़ा मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग