hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişcasibomcasibom girişjojobetjojobet girişpusulabetpusulabet girişholiganbetholiganbet girişpusulabetpusulabet girişpusulabet güncel giriş

भ्रष्टाचार को चुनौती देने वाले प्रिंसिपल के तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई, जांच के दिए आदेश

भोपाल/जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने हरदा के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य के तबादले के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि उनकी शिकायतों का निराकरण होने तक रोक जारी रहेगी। साथ ही, जब उनका तबादला होगा तो उन्हें ऐसे स्कूल में नहीं भेजा जाएगा, जहां कक्षा 11वीं और 12वीं नहीं है। मामले में याचिकाकर्ता सरिता तोमर ने कहा कि उनकी नियुक्ति 2010 में हायर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षिका के पद पर हुई थी। उन्हें 2023 में उत्कृष्ट विद्यालय हरदा में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ किया गया। प्राचार्य के पद पर रहते हुए उन्होंने स्कूल के तीन शिक्षकों पर छात्रों से निर्धारित राशि से अधिक फीस लेने, अभिलेखों में हेराफेरी करने और ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में कार्रवाई की थी। कार्रवाई के बाद उन्हें धमकियां मिलने लगीं। उन्होंने जिले के एसपी से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जिला शिक्षा अधिकारी (Deo) डीएस रघुवंशी ने उसे एक्सेलेंस स्कूल से हरदा के हाई स्कूल में स्थानांतरित कर दिया। उसने अपने स्थानांतरण के खिलाफ प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने अपनी शिकायतों के निवारण के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

उसने न्यायालय में दलील दी कि वह एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका है, तो उसे ऐसे हाई स्कूल में कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है, जहां केवल 10वीं कक्षा तक की कक्षाएं हैं। वह इसे अपना ‘अपमान’ मानती है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे मामले में पेश हुए।

यह था पूरा मामला..

गुटबाजी की शिकार हुई हरदा उत्कृष्ट उ मा वि की प्रभारी प्राचार्या डॉ सरिता