hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişcasibomcasibom girişjojobetjojobet girişpusulabetpusulabet girişholiganbetholiganbet girişpusulabetpusulabet girişpusulabet güncel giriş

गोहद बीईओ भारद्वाज की कठपुतली बना हुआ है भिंड शिक्षा विभाग

नियम विरुद्ध क्यों हो रही है भिंड शिक्षा विभाग में आरोग्य एवं अपात्र व्यक्तियों की पदस्थापनाएं..

भिंड 12 मार्च 2025। भिंड जिला शिक्षा विभाग में कुछ समय से मानो एक दौर सा चल पड़ा है जिसमें पात्र एवं सुयोग्य अधिकारियों को हटाकर अपात्र एवं आयोग्य को बिठाया जा रहा है। जहां एक ओर 76 लाख के घोटाले में संलिप्त तत्कालीन बीईओ को न सिर्फ डीईओ बनाया जाता है बल्कि रेगुलर डीपीसी को हटाकर इसे अतिरिक्त प्रभार भी सौंप दिया जाता है तो वहीं दूसरी ओर गोहद के रेगुलर पात्र बीईओ को हटाकर नियम विरुद्ध अपात्र व्यक्ति को पदस्थ किया गया है।
गोहद खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के पद पर आसीन श्याम किशोर भारद्वाज का पूर्व में मूल पद माध्यमिक शिक्षक थी और इसकी मूल पदस्थापना शा.मा.वि. पतलोखरी ब्लॉक मेहगांव में थी। इसे पांच महीने पहले उच्चपद प्रभार मिला है। इसने अपनी पूर्व की पदस्थापना में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से सांठ-गांठ करके बाला बाला शा कन्या उ.मा.वि. मेहगांव में अपना ट्रांसफर करवा लिया था जबकि ट्रांसफर भोपाल से होता है। उच्चपद प्रभार के उपरांत वर्तमान में भारद्वाज की मूल पदस्थापना शा.उच्चतर मा.वि. कनाथर मेहगांव में है। भारद्वाज ने साजिशाना तरीके से नियम विरुद्ध खंड शिक्षा अधिकारी गोहद बनने के साथ वित्तीय अधिकार भी हथिया लिए जो नियम विरुद्ध है। बता दें कि उच्चपद प्रभार प्राप्ति से पूर्व बाला बाला स्कूल में पदस्थापना के दौरान भारद्वाज ने गोहद बीईओ मंजू बहरादिया के सहायक के रूप में वीईओ का सामान्य प्रभार लिया था और धीमे-धीमे कलेक्टर से नजदीकी बढ़ाते हुए डीईओ से गहरी पैठ बनाकर उपसंचालक/ बीईओ मंजू बरहादिया को उठाकर चंदोखर हाई सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य बना कर फिकवा दिया और खुद फुल फ्लैश वीईयो बन बैठा जबकि ब्लॉक में पहले से मौजूद वरिष्ठ अधिकारी के होते हुए कनिष्ठ को प्रभार दिया जाना सिविल सेवा नियम के विरुद्ध है। इस क्रम में विधानसभा में भी प्रश्न उठाया गया है जिसका हास्यप्रद जवाब भी भेजा दिया गया है। इसके सदन में दाखिल होने पर क्या प्रतिक्रिया होगी यह तो 24 मार्च को ही पता चलेगा !

श्याम किशोर भारद्वाज की पत्नी श्रीमती सीमा भारद्वाज प्राथमिक शिक्षक है जो शा.प्रा.वि.मजटोला (संकुल केंद्र शा. हाई स्कूल गढ़पारा) ब्लॉक मेहगांव में पदस्थ है और इनका अटैचमेंट गोहद ब्लॉक में करवा रखा है। अपने पति के रुआब में श्रीमती भारद्वाज कभी भी स्कूल पढ़ाने नहीं जाती है और घर बैठे फोकट के वेतन का आनंद भोग रही है।

सूत्रों की माने तो तथाकथित बीईओ भारद्वाज ने अपनी राजनीतिक ठशक और रसूखदारी से न सिर्फ कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से अपनी नजदीकी बढ़ाई बल्कि जिला शिक्षा अधिकारी रामदास मित्तल को अपनी की कठपुतली बना लिया है। जिसके चलते भिंड जिला में ये जो कहता है वही होता है। जिला के शैक्षणिक एवं सार्वजनिक गलियारों में कलेक्टर महोदय को भी इसका वशीभूत होना बताया जा रहा है क्योंकि कुछ माह पूर्व कलेक्टर इससे इतने नाराज थे कि नाम तक से चिढ़ते थे और अब बिना इसकी रजामंदी के भिंड शिक्षा विभाग में कोई कार्य नहीं होता है। ये कलेक्टर को गुमराह करके शिक्षा विभाग के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों को परेशान करवाता है और उनसे अवैध वसूली करता है। अभी अतिशेष में ट्रांसफर हुए थे उसमें भारद्वाज ने एक करोड़ घपला किया था। सूत्रों अनुसार कई शिक्षकों से B.Ed की अनुमति दिलवाले के लिए 50 -50 हजार रुपए लेना, शिक्षकों को सस्पेंड करवा कर फिर बहाल करवाने के लिए पैसे की उगाही करना इसका मुख्य पेसा बन गया है।

समय-समय पर तथाकथित वीईयो भारद्वाज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा या मुकेश चौधरी अथवा गुड्डू शर्मा के राजनीतिक संरक्षण का रौब दिखा कर अपना उल्लू सीधा करता रहता है। इसके बुलंद हौसले ने शिक्षा विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा हैl शिक्षक बगैरा कार्रवाई के डर से इसके खिलाफ कुछ भी बोलने से खौफ खाते हैं।

76 लाख के एचआर घोटाले में संलिप्त होते हुए आरडी मित्तल को जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार और पिछले माह डीपीसी का अतिरिक्त प्रभार दिया जाना कलेक्टर के दोहरे रवैये को यह दर्शाता है। क्योंकि कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास के मामले में जहां एक ओर डीपीसी व्योमेश शर्मा की सच्चाई और ईमानदारी से वाकिफ होने के बावजूद कलेक्टर श्रीवास्तव ने जांच के नाम पर व्योमेश शर्मा को पद से मुक्त कर दिया तो वहीं दूसरी ओर मित्तल के विरुद्ध  जांच चलने के बाद भी कलेक्टर ने कृपा दृष्टि क्यों दिखाई गई? ईमानदारी की शहादत और बेईमानी की इबादत होना कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव व्यक्तित्व पर बहुत बड़ा सवाल है। जिस कलेक्टर से छोटी-मोटी त्रुटि तक होना मुनासिब नहीं था उनके द्वारा ऐसी भयंकर भूलें होना अस्वाभाविक है !

इनका कहना है…
संयुक्त संचालक दीपक पांडे ने हमेशा की तरह पलड़ा झाड़ते हुए कहा कि यह पूरा मामला कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र का है।

मंजू बरहादिया बीईओ के पद का निर्वहन ठीक तरीके से नहीं कर रही थी, वह अक्सर ग्वालियर में ही बनी रहती थी इसलिए उन्हें हटाया गया। श्याम किशोर भारद्वाज उच्चपद प्रभार उपरांत इस पद के पात्र हैं और उन्हें इसी आधार पर वित्तीय आहरण का अधिकार भी प्राप्त हो जाता है।    *संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर भिंड