hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişcasibomcasibom girişjojobetjojobet girişpusulabetpusulabet giriş

अजब और गजब है मप्र पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन

हितग्राही निगम स्वयं निर्णायक समिति में क्यों..!

भोपाल 24 जुलाई 2025। मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में नित्य नए अजूबों की श्रृंखला में एक नया अजूबा संज्ञान में आया है। दिनांक 25 जुलाई 2025 शुक्रवार को समयमान- वेतनमान की मीटिंग होने वाली है इसमें सबसे बड़ी हैरत की बात यह है कि क्या पूरा का पूरा कॉरपोरेशन ही दाग-दाग है जो काली करतूतों के सरगना पस्तोर इस समिति में अध्यक्ष एवं उसके सिपेसलार निगम इसके सदस्य के रूप में समयमान-वेतनमान का निर्धारण करेंगे जबकि निगम समयमान वेतनमान प्राप्त करने वाले स्वं हितग्राही है ! यहां पर वह कहावत सार्थक होती नजर आ रही है कि “अंधा बांटे रेवड़ी फिर -फिर अपने को दे”।

इस समिति के अध्यक्ष जेपी पस्तोर प्रभारी मुख्य अभियंता स्वयं दागी ही नहीं बल्कि भ्रष्टता की पूरी काली कोठरी हैं जिनकी विभागीय जांच चल रहीं है। समिति के सदस्य आलोक निगम प्रभारी अधीक्षण यंत्री भी दागी हैं। इनकी सिवनी बरघाट में पदस्थापना के दौरान घटिया गुणवत्ता के बनाए गए आठ मकान ध्वस्त होकर गिर गए हैं। जेपी पस्तोर ने इन घटिया मकान निर्माण के सबूत को नष्ट करने के लिए गिरे हुए मकान का मालवा फिंकवा दिया और जांच की नस्तियों को कोल्ड स्टोरेज में डलवा दिया। दर्शकों तथा पाठकों की निगाहें में पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन का नाम मप्र इंजीनियर करप्शन कॉरपोरेशन रख देना चाहिए जिसमें अधिकांश इंजीनियर्स दाग- दाग हैं। युग क्रांति के पास मौजूदा सबूतों के आधार पर जेपी पस्तोर तत्कालीन परियोजना यंत्री भोपाल ने पुलिस उप-महानिरीक्षक सागर की बिल्डिंग की इतनी घटिया छत बनाई थी जिसे छत की बजाय छप्पर कहना लाजमी होगा क्योंकि इसमें बरसात की तरह पानी की झर लगी रहती है। उसमें तत्कालीन अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र मोहन कंवर ने उपयंत्री व सहायक यंत्री को निलंबित करके परियोजना यंत्री पस्तोर के विरुद्ध जांच चालू कर दी थी मगर कंवर साहब के जाने के बाद पस्तोर ने कंवर साहब के तीनों आदेशों एवं जांच की नस्तियों को खुर्द-बुर्द करके एक तरफ रखवा दिया और बिना जांच के पूरे हुए 2014 में इसने अधीक्षण यंत्री पद की पदोन्नति छदम रूप से प्राप्त कर ली।

कंपू ग्वालियर के प्रोजेक्ट में 38 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति के विरुद्ध पस्तोर और पीई नरेश शर्मा ने 52 करोड़ का खर्चा करके 37% अधिक राशि का व्यय किया, जिसके लिए पस्तोर एवं नरेश शर्मा दोनों दागी/दोषी हैं। आज तक जांच पूरी नहीं हुई है और 31 जुलाई को नरेश शर्मा बिना किसी जांच आरोप पत्र के सेवानिवृत हो जाएंगे क्योंकि पस्तोर की नरेश शर्मा के ऊपर मेहरबानी के साथ-साथ दोनों के बीच… मौसेरे भाई का रिश्ता भी है। आलोक निगम ने घटिया गुणवत्ता के जो आठ आवास गृह बरघाट सिवनी में बनवाए थे वह गिर चुके हैं इसके साक्ष्यों को मिटाने के लिए इसका मलवा पस्तोर ने फिकवा दिया है। उनकी जांच की नस्ती भी पस्तोर ने एक तरफ सेफ लेवल में रखवा दी है ताकि कल उन्हें प्रमोशन देकर समयमान वेतनमान का उच्च वेतन देकर उनसे वसूली करते हुए जांच की नस्तियों की धूल हटाई जाए।

जेपी पस्तोर के साथ आलोक निगम एवं केके संदल ने मिलकर वर्ष 2021 से 2024 के बीच किराए के वाहनों में बहुत बड़ा घोटाला किया है। रीवा के तिवारी द्वारा 23000 रुपए प्रतिमाह की निविदा को स्वीकृत न करके 41000 से 54000 प्रतिमाह तक की निविदा नवीन ट्रैवल्स के नाम की मंजूर कर दी और इसके बाद पुलिस हाउसिंग द्वारा ब्लैक लिस्ट व डिवार किए हुए भगवान सिंह सुपर ट्रेवल्स के 10 वाहनों को अनाधिकृत रूप से पस्तोर एवं आलोक निगम ने तैनात करवा दिया। इन्होंने बिना टैक्सी कोटे में रजिस्टर्ड वाहन भी विभाग में लगा लिए, साथ ही न्यू ब्रांड मॉडल के बजाय पुराने वाहनों को भी पश्तोर व निगम ने घोटाला करके लगा दिया। ईंधन (पेट्रोल-डीजल) भरवाने की जिम्मेदारी वहां प्रदायकर्ता से हटाकर विभाग के ऊपर ले ली जिससे जीएसटी की देनी 18% हो गई मगर निगम और पस्तोर ने प्रदायकर्ता को उपकृत करने की दृष्टि से 18% की जगह 5% की दर से जीएसटी की वसूली की‌। जिसके चलते शासन/ जीएसटी विभाग को 13% की हानि हुई और वहां प्रदायकर्ता ठेकेदार को 13% का लाभ हुआ। इस तरह पूरी अवधि में तकरीबन 4- 5 करोड रुपए की हानि पस्तोर, सैंडल एवं आलोक निगम ने मिलकर पहुंचाई ।

जबलपुर में लगभग 50 लाख रुपए लागत से निर्मित घटिया गुणवत्ता की फायरिंग रेंज गिर गई जिसके एविडेंस/ प्रमाण

पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशननष्ट करने के लिए पस्तोर ने इसे जमीदोज कर दिया। इसी तरह रायसेन में निर्मित मैगजीन भवन जो पस्तोर एवं आरके शर्मा परियोजना यंत्री उज्जैन ने बनवाया था वह भी बहुत घटिया गुणवत्ता के चलते गिरकर ध्वस्त हो गया और पस्तोर द्वारा हमेशा की तरह इसका भी मालवा फिंकवा कर प्रमाणों को नष्ट कर दिया। खरगोन में पुलिस 18+28 कुल 46 आवास घटिया गुणवत्ता के चलते लगभग खंडहर हो चुके हैं इन आवासों को पुलिस अधीक्षक खरगोन ने खतरनाक घोषित करके खाली करवा दिया है और ये आवास गृह जो करोड़ कीमत के थे वे शून्य में परिवर्तित हो गये। बालाघाट के 12 करोड़ लागत के 56 आवास डडूबंत में आ गए, इसी तरह शिवपुरी में नरेश शर्मा एवं जेपी पस्तोर के द्वारा बनाए गए एसएएफ के 12-130 आवास गृह घटिया गुणवत्ता के कारण आज तक उपयोग में नहीं लिए जा रहे हैं।

लिहाजा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के अजब गजब इस खेल मे समिति के अध्यक्ष के रूप भ्रष्टता का सरताज के साथ सदस्य काली दुनिया के सिपेसलार होंगे तो भला यहां समयमान- वेतनमान की मीटिंग में कल किसकी होगी पदोन्नति और किसको मिलेगा समयमान और वेतनमान यह देखने वाली बात होगी ! क्योंकि धीम-धीमे म पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन करप्शन हाउस में तब्दील होता जा रहा है और यहां भ्रष्टता को उन्नति मिलना प्रचलित सा हो गया है। ऐसे में कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक की भूमिका भी अपने आप में एक शोध का विषय है!