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कम्युनिस्ट यूनियन के ख़िलाफ मैनेजर संगठन मे आक्रोश, पुलिस प्रशासन से की कार्रवाई की माँग

वामपंथियों के विरुद्ध तकरीबन 1500 छोटी बड़ी दवा कंपनियां लामबंद

भोपाल/कटनी 8 जुलाई 2025। दो दिन पूर्व वामपंथी यूनियन द्वारा यूनिरमार्क दवा कंपनी के क्षेत्रीय मैनेजर के साथ कटनी मे हुई गुंडागर्दी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है तो वहीं दूसरी ओर डेढ़ हजार से ज्यादा दवा कंपनी के तकरीबन 5 हजार मैनेजर इस वामपंथी यूनियन की आए दिन गुंडागर्दी के विरुद्ध लामबंद हो रहे हैं।

ज्ञात हो कि दिनांक 6.8.2025 को कटनी में यूनिमार्क दवा कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र गुप्ता के साथ कम्युनिस्ट यूनियन एमपीएमएसआरयु के सदस्यों द्वारा की गई गुंडागर्दी एवं अभद्रतापूर्ण घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना कोतवाली कटनी में की गई, जिसे युगक्रांति द्वारा प्रकाशित किया गया था। जिसके अतर्गत सहा.निरीक्षक प्रहलाद सिंह द्वारा 6 अगस्त को ही बता दिया गया था कि असंगेय अपराध का मामला राष्ट्रीय अपराध रजिस्टर के सरल क्रमांक 41 पर पंजीबद्ध किया गया है मगर यह पुलिस के द्वारा दी गई मात्र एक सत्वना प्रतीत होती है। लिहाजा इस घटना से छोटी बड़ी दवा कंपनियों में काम करने वाले मैनेजर संगठन वामपंथी यूनियन एमपीएमएसआरयू के ख़िलाफ़ लामबंद हो गए है ।

मैनेजरों के संगठन ने बैठक करके यह तय किया कि जब तक आरोपियों के विरूद्ध पुलिस एवं प्रशासन की सख़्त कार्रवाई नहीं होती एवं तथाकथित इस वामपंथी यूनियन से प्रभावित जिलों रीवा, सतना, कटनी, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, सागर, छतरपुर एवं रतलाम आदि में इनकी अवैधानिक गतिविधियाँ नहीं रुकतीं तब तक उचित मंचों पर लगातार कार्रवाई की माँग की जाती रहेगी। कटनी पुलिस ने अभी तक आरोपियों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया है। बता दे कि एमपीएमएसआरयू कटनी का तथाकथित अध्यक्ष शिव परोहा अपने आप को पुलिस प्रशासन से ऊपर मानता है और बाहर से आने वाले प्रबंधकों के साथ गुंडागर्दी करके लगातार प्रशासन को चुनौती देकर भाजपा शासित प्रदेश सरकार की छवि को ख़राब करने का कार्य लगातार कर रहा है।

वहीं दूसरी ओर राज्य स्तरीय वामपंथी नेताओं ने अपने स्तर पर मामले को रफा-दफा करने के प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं। उनके द्वारा मुख्य आरोपी मनोज तिवारी (जर्मनरेमोडीज) एवं सुनील दुबे (एलमेट फ़ार्मा) को बचाने का प्रयास किया जा रहा है इस बाबत फ़रियादी योगेन्द्र गुप्ता के पास सुलह के प्रस्ताव विभिन्न माध्यमों से भेजे जा रहे हैं। मगर मैनेजर संगठन इस समस्या का स्थाई समाधान चाहने के चलते कोई अस्थाई कंप्रोमाइज करने को तैयार नहीं है।