भोपाल-ग्वालियर मार्ग भी समस्याओं से ग्रसित..
ग्वालियर 13 अगस्त 2025। ग्वालियर से इलाहाबाद रेलमार्ग पर आने वाले कई छोटे-बड़े रेलवे स्टेशनों पर बुनियादी यात्री सुविधाओं का गंभीर अभाव देखने को मिला है। यात्रियों के अनुसार, अधिकांश छोटे स्टेशनों पर पीने के पानी की कोई भी व्यवस्था मौजूद नहीं है, दूर-दूर तक शौचालय नहीं है। बरसात से बचने के लिए कई स्टेशनों पर पर्याप्त शैड तक नहीं है। पानी के अभाव में गर्मियों में इन स्टेशनों की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है।
यात्रियों का कहना है कि एसी कोच में तैनात अटेंडर भी कई बार निर्धारित सुविधा उपलब्ध नहीं कराते। कई यात्रियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोच अटेंडर आवश्यक सेवा प्रदान करने में लापरवाही बरतते हैं, जिससे यात्रा असुविधाजनक हो जाती है। साथ ही, रात के समय कुछ ट्रेनों में अवैध वेंडरों की सक्रियता भी देखी गई है। यात्रियों का कहना है कि ये वेंडर नशे में धुत्त हालात में प्रतिबंधित वस्तुएं खुलेआम परोसते हैं, जिससे न केवल हमें असुविधा होती बल्कि सुरक्षा को भी गंभीर खतरा उत्पन्न होता है।
नाम न बताने की शर्त पर युगक्रांति को कई यात्रियों ने शिकायती एवं आरोप लगाने के लहजे में कहा कि रेलवे अधिनियम 1989 और रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार यात्रियों के लिए स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, सुरक्षा और निर्धारित सेवाएं उपलब्ध कराना रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी है। ऐसे मामलों में लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है मगर फिर भी हम यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं।
भोपाल-ग्वालियर मार्ग भी समस्याओं से ग्रसित..
इस रूड पर यात्रा करने वाले कई यात्रियों ने पीड़ित एवं शिकायतनुमा लहजे में रेलवे पर आरोप लगाते हुए बताया कि आए दिन हमें कई प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है जबकि रेलवे द्वारा पैसे (किराया) सभी सुविधाओं हेतु लिए जा रहे हैं परंतु सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही। यह यात्रियों के साथ एक तरह से चीटिंग जैसी है। इस क्रम में एक ताजा मामला देखने को मिला। ट्रेन नंबर 12803 स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में पावनी नाम की महिला (PNR No-68186195××) अपनी मां के साथ भोपाल से ग्वालियर के लिए थर्ड एसी B1 कोच में कंफर्म टिकट पर यात्रा कर रही थी। ट्रेन में काफी ठंडक थी उन्हें बेडरॉल (चद्दर- कंबल) नहीं मिला, जब उन्होंने काफी इंतजार किया और अटेंडर को ढूंढा है मगर वह नहीं मिला तब अंत में जब झांसी ट्रेन पहुंची तो उन्होंने अपने बेटे को कॉल किया और बेटे के माध्यम से कंप्लेंट कराई गई तब जाकर कहीं बेडरॉल मुहैया हुआ। ग्वालियर पहुंचने के बाद उन्होंने पूरा वृतांत युगक्रांति प्रतिनिधि को बताया।
इन स्टेशनों पर नहीं है पानी और शौचालय की व्यवस्था..
ग्वालियर झांसी के बीच के सिथौली, अनंतपेठ, कोटरा, करारी व झांसी बांदा के मध्य टिहरका, रानीपुररोड, रौरा, मटोंध एवं झांसी और बीना के बीच में बिजौली, खजराहा, बुड़पुरा, माताटीला, बिजरौठा, जखौरा, देलवारा, जीरोंन, करोंद, आगासोद आदि स्टेशन शामिल है जिसमें अधिकांश स्टेशनों पर पीने का पानी एवं शौचालय की व्यवस्था यातो है ही नहीं और यदा-कदा कहीं है भी तो वह वह मानकों के अनुरूप नहीं है। पब्लिक शौचालय यदि बने भी हैं तो वैसे के वैसे पड़े हैं, जिसमें पानी के कनेक्शन तक नहीं है। कई स्टेशनों पर पानी सप्लाई करने वाली मोटर खराब हो जाय तो कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। जैसा कि अभी हाल में बैजाताल स्टेशन की पानी सप्लाई करने वाली मोटर एक माह तक खराब पड़ी रही जो अब जाकर अटेंड हुई है।
यात्रियों ने युगक्रांति के माध्यम से रेलवे मंत्रालय और संबंधित जोनल रेलवे अधिकारियों से मांग की है कि इन स्टेशनों पर तुरंत पेयजल व्यवस्था, कोच सेवाओं में सुधार और अवैध वेंडरों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि यात्रियों की यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक बन सके।