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भोपाल–ग्वालियर की राजनीति में भूचाल

भ्रष्टाचार की फैक्ट्री, झूठ का साम्राज्य, डरपोक सरकार जैसे तीखे शब्दों से गर्माई सियासत

*युगक्रांति विशेष रिपोर्ट -भोपाल/ग्वालियर। प्रदेश की राजनीति गुरुवार को एकदम उबाल पर पहुंच गई जब विपक्ष ने प्रदेश सरकार को भ्रष्टाचार की फैक्ट्री बताते हुए सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय पर उंगली उठा दी। जवाब में सत्तापक्ष ने विपक्ष को झूठ का साम्राज्य चलाने वाला और नकारात्मक एजेंडे से जनता को भटकाने वाला करार देकर माहौल और भी विस्फोटक बना दिया।

विपक्ष का हमला: “CMO में दलालों का राज, फाइलें पैसों के हिसाब से चलती हैं”

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में विपक्ष के वरिष्ठ नेता ने कहा कि “प्रदेश में असली सरकार चलाने वाले अधिकारी नहीं, दलाल हैं। फाइलें पैसे के हिसाब से आगे बढ़ रही हैं। जो अधिकारी सच बोलते हैं, उनका ट्रांसफर कर दिया जाता है।

सरकारी योजनाओं में खुलेआम कमीशनबाज़ी

विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि पंचायत से लेकर मंत्रालय तक ‘कट मनी संस्कृति’, पुलिस और नगर निगमों में पोस्टिंग–ट्रांसफर का बड़ा खेल, ठेकों में ‘बाहरी कंपनियों को फायदा’ देने के आरोप ने राज्य प्रशासन को “पूर्णतः अव्यवस्थित और अपारदर्शी” बना दिया है।

एक नेता ने तो यह तक कहा कि “सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए डेटा छुपा रही है। यह सरकार नहीं, घोटालों का गोदाम है।”

सरकार का पलटवार: “विपक्ष हताश, झूठ का इंजेक्शन लगाकर जनता को भड़काने की कोशिश”

सरकार के प्रवक्ता ने कड़े शब्दों में जवाब देते हुए कहा:
“विपक्ष चुनाव से पहले अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। इसे मुद्दे नहीं मिल रहे, इसलिए झूठ का इंजेक्शन लगाकर जनता को भटकाने में जुटा है।”

सरकारी पक्ष ने कहा कि जिन विभागों में गड़बड़ी मिली, वहां कार्रवाई की जा चुकी है। विपक्ष सिर्फ कागज़ लहराता है, सबूत कभी नहीं देता, मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की सुनियोजित साजिश चल रही है।

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि “विपक्ष नेताओं की असल समस्या यह है कि उन्हें जनता अब गंभीरता से नहीं लेती। इसलिए वे रोज़ नई कहानी गढ़ते हैं।”

ग्वालियर में भी शुरू हुआ ‘राजनीतिक युद्ध’ — एक-दूसरे को ‘नौटंकीबाज़’ और ‘मौक़ेबाज़’ कहा

ग्वालियर में दोनों पक्षों के स्थानीय नेता भी भिड़ गए।
एक पक्ष ने कहा कि “ग्वालियर में फर्जी विकास के बोर्ड लगाकर जनता को ठगा जा रहा है।”

दूसरे पक्ष ने तुरंत जवाब दिया कि “ये वही लोग हैं जो चुनाव जीतने के बाद पांच साल गायब रहते हैं और अब अचानक सेवा का भाव जाग गया!”

ग्वालियर पूर्व और दक्षिण विधानसभा क्षेत्रों में-पानी की किल्लत, अवैध कब्जे, खराब सड़कें और नगर निगम की लापरवाही पर दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे को जमकर घेरा।

पक्ष विपक्ष के पलट बातविश्लेषकों की राय में यह चुनावी माहौल की आहट है, बयान अब और उग्र होंगे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह की बयानबाज़ी आने वाले चुनावी राजनीतिक माहौल का संकेत है। एक विश्लेषक ने कहा कि “अभी तो यह शुरुआत है। आने वाले महीनों में आरोप–प्रत्यारोप की तीव्रता कई गुना बढ़ेगी।”