निजी स्वार्थ के लिए लगा रहे हैं ड्यूटी, बार-बार एक ही जगह करा रहे पोस्टिंग…
भोपाल 12 मार्च 2024। मध्य प्रदेश में पुलिस लाइनों में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों का हाल बेहाल है, लाइन में पदस्थ आरक्षकों के साथ श्रमिकों जैसा व्यवहार किया जाता है जिन रक्षित निरीक्षकों को अर्दली रखने की पात्रता भी नहीं है उनके यहां खानसामा,हमरा ,ड्राइवर, घंटी ड्यूटी वाले अर्दली तैनात है। ज्ञात हो कि डीजी लेवल के अधिकारी को तीन, आईजी लेवल के अधिकारी को दो और एडिशनल एसपी लेवल के अधिकारी को एक अर्दली रखने की पात्रता है लेकिन प्रदेश के रक्षित निरीक्षकों के यहां 6 से 8 अर्दलियों की तैनाती देखी जा सकती है।
मध्य प्रदेश के समस्त पुलिस लाइनों में रक्षित निरीक्षक पद के लिए जोर आजमाइश के साथ जब बड़ी सिफारिश लगाई जाए तब कहीं जाकर रक्षित निरीक्षक का पद हासिल होता है और यही वजह है कि प्रदेश के ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और भोपाल में जो रक्षित निरीक्षक तैनात है वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का पालन भी नहीं करते और पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षकों की मनमानी ड्यूटी भी निजी स्वार्थ के लिए लगाते रहते हैं। प्रदेश में ऐसे कई पुलिसकर्मी है जो 10 से 15 सालों से एक ही जगह पदस्थ है, जिन्होंने दो से तीन प्रमोशन भी पुलिस लाइनों में पदस्थ रहते हुए ले लिया मगर उनका स्थानांतरण नहीं हुआ, जबकि पुलिस एक्ट के अनुसार नियम ये है कि हवलदार पद पर प्रमोशन के बाद उसकी उसी जिले में तैनाती नहीं हो सकती है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो ऐसे कई उप निरीक्षक और सहायक उप निरीक्षक है जो एक ही जगह 10 से 15 सालों से ड्यूटी कर रहे हैं। पदोन्नति के बाद तबादला होने की स्थिति में ये उप निरीक्षक रिलीव ही नहीं होते और एक या दो महीने बाद फिर से वही स्थापना करवा लेते हैं।
भोपाल पुलिस लाइन में पदस्थ रक्षित निरीक्षक जयसिंह तोमर इन आरोपों को शिरे से खारिज करते हुए निराधार बता रहे हैं।
विशेष पुलिस से महानिदेशक शैलेश सिंह ने कहा कि जिन
रक्षित निरीक्षक के पास अर्दली है वह नियम विरुद्ध है और इसका प्रथा को बदलने के लिए आदेश जारी किए जाएंगे, उन्होंने एक सुझाव देते हुए ये भी कहा कि एक आरक्षक का मासिक वेतन लगभग 50 हजार होता है घर कार्यों के लिए आउटसोर्स कर्मचारी को भर्ती कर लिया जाए जिनका वेतन मात्र 15000 होगा। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा साथ में राज्य सरकार को लगभग 100 करोड रुपए की बचत भी होगी, 2023 में ऐसा ही एक पत्र स्पेशल डीजे शैलेश सिंह ने पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश को लिखा था अगर आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती होनी शुरू हो जाती है तो राजस्व तो बचेगा ही साथ में रोजगार के अवसर भी खुलेंगे”।