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2004 के चुनाव की यादें हुई ताजा, दीपक के घर पर भाजपा ने किया था बंदूकों से हमला!

20 साल बाद प्रायश्चित करने रोहना पहुंची सरकार, रोहना बोला: हमलावरों को कभी माफ नहीं करेंगे!!- वासुदेव शर्मा

छिंदवाड़ा। 20 साल से भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व कमलनाथजी के गढ को जीतने का गाना-गा रहा है लेकिन वह अब तक सफल नहीं हुआ है और इस बार भी नहीं होगा, यही सच है।
20 साल पहले 2004 में भी ऐसा ही माहौल था जैसा 2024 में बनाने का प्रयास किया जा रहा है। 2004 में भी निशाने पर रोहना (दीपक सक्सेनाजी) थे, 2024 में भी निशाने पर रोहना है। भाजपा नेतृत्व मान चुका है कि बिना कांग्रेसियों की मदद के भाजपा छिंदवाड़ा सीट नहीं जीत सकती, इसलिए ही भाजपा सरकार रोहना के चक्कर काट रही है। दीपक सक्सेनाजी ने भी नाश्ता कराकर सरकार को खाली हाथ वापस भेज दिया। इसके लिए उन्हें बधाई!
2004 में भाजपा ने रोहना पर बंदूकों से हमला किया था, उनके निशाने पर दीपक सक्सेना थे, जिनकी हत्या की पूरी तैयारी थी, दर्जनों बंदूकधारियों ने उनके घर को घेर लिया था, ताबडतोड फायरिंग हो रही थी। गोलियों की परवाह किए बिना रोहना की दिलेर जनता, फौलादी कांग्रेसी दीपक सक्सेनाजी के घर के बाहर सीना तानकर खडे हो गए। आतंक और हिंसा से डरे नहीं बल्कि उसका मुकाबला किया। भाजपा की बंदूकों से लैश हिंसक भीड को दीपक के घर की दीवार तक नहीं छूने दी, इस तरह 2004 में फौलादी कांग्रेसियों, दिलेर रोहनावासियों ने दीपक सक्सेना और उनके परिवार की हत्या की भाजपाई मंसूबों को विफल कर भाजपा प्रत्याशी को हराकर वापस भेज दिया था। रोहना पर हुए हमले के समय कुछ व्यापारी किस्म के कांग्रेसी भी थे, जो हमले की खबर सुनकर ही वहां से भाग लिए थे, अजय चुनमुन सक्सेना आज उन्हीं के बहकावे में 20 साल पुराने हमले को भूल रहे हैं, जबकि चुनमुन को तो उनके परिवार के मान सम्मान पर हुए हमले का बदला लेने के लिए काम करना चाहिए।


2004 का लोकसभा चुनाव छिंदवाड़ा की जनता को याद है। तब भी दिल्ली से भोपाल तक भाजपा की ही सरकार थी। सरकार के संरक्षण में तब भाजपाईयों ने इस कदर उत्पात मचाया था कि छिंदवाड़ा की जनता को घर से निकलने में डर लगने लगा था, हर तरफ आतंक, उन्माद, हिंसा का माहौल था, ऐसा ही माहौल 2024 में बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, पूरी सरकार 2024 में ठीक उसी तरह सक्रिय हुई है, जिस तरह 2004 में हुई थी। 2004 के चुनाव में भी सबसे अधिक चर्चा छिंदवाड़ा सीट की ही थी क्योंकि भाजपा ने अपना सबसे ताकतवर प्रत्याशी प्रहलाद पटेल को तब कमलनाथजी के खिलाफ चुनाव में उतारा था। 2024 में भी सबसे अधिक चर्चा छिंदवाड़ा सीट की ही हो रही है क्योंकि भाजपा नेतृत्व ने किसी भी कीमत पर छिंदवाड़ा को जीतने का लक्ष्य तय किया है, जिसे भाजपा नेतृत्व कुछ विभीषणों के सहारे हासिल करना चाहता है। छिंदवाड़ा की जनता सबकुछ बर्दाश्त कर सकती है, लेकिन विभीषणों को कतई नहीं, इसलिए ही रोहना के लोगों ने सरकार के जाने के बाद कहा; 2004 में रोहना पर हमला करने वालों को कभी माफ नहीं करेंगे! रोहना पधारी सरकार वही है, जिसने दीपक सक्सेनाजी एवं उनके परिवार को ललकारा, हमला किया। 2004 में जिस चुनमुन को भाजपाई अनाथ करना चाहते थे, वे आज उसी चुनमुन की गोद में बैठकर विवेक बंटी साहू को सांसद बनाने का सपना देख रहे है, जिसे छिंदवाड़ा की जनता पूरा नहीं होने देगी क्योंकि उसे 2004 की हिंसा, रोहना पर हुआ हमला याद है!